जापान की टॉप शिपिंग कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों से मिले केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी

जापान की टॉप शिपिंग कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों से मिले केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी

जापान की टॉप शिपिंग कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों से मिले केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी

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IANS
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India eyes shipbuilding collaboration with Japan’s top firms

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 18 नवंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने जापान की लीडिंग शिपिंग कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मीटिंग की और शिपबिल्डिंग को लेकर भारत के साथ सहयोग पर बातचीत की।

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केंद्रीय मंत्री पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि वे जापान के के लाइन के चेयरमेन युकीकाजू म्योचिन के साथ एक मीटिंग में शामिल हुए। उन्होंने बताया कि उनकी चर्चा पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत को मैरीटाइम शिपिंग हब में बदलने पर केंद्रित रही।

उन्होंने एक्स पर लिखा, शिपबिल्डिंग मॉनिटरिंग और डिलिवरी में विशेषज्ञता के साथ के लाइन शिपबिल्डिंग में दुनिया के लिए मेक इन इंडिया के हमारे प्रयास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।

केंद्रीय मंत्री पुरी ने टोक्यो में सोजित्ज कॉर्पोरेशन के एनर्जी ट्रांसफोर्मेशन डिपार्टमेंट के डायरेक्टर ताकाहिरो एबिसु से भी मुलाकात की। इस मीटिंग को लेकर पुरी ने बताया कि सोजित्ज और भारतीय सार्वजनिक उपक्रमों के बीच चल रहे सहयोग पर चर्चा की गई।

केंद्रीय मंत्री पुरी ने लिखा, उन्होंने आईओसीएल के साथ भारत में कंप्रेस्ड बायोगैस प्रोडक्शन में प्रवेश किया है और भारत से जापान तक ग्रीन अमोनिया के ऑफटेक के लिए एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए हैं।

वे टोक्यो में ओसाका गैस के प्रतिनिधि निदेशक और कार्यकारी उपाध्यक्ष केजी ताकेमोरी से मिले। इस मीटिंग में ओसाका गैस और भारतीय ऊर्जा कंपनियों के बीच सहयोग के बढ़ते अवसरों पर चर्चा की गई।

केंद्रीय मंत्री पुरी ने जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय ऊर्जा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों और एनवाईके लाइन जापान के बीच चल रहे शिपिंग बिजनेस को लेकर कंपनी के वरिष्ठ प्रबंध कार्यकारी अधिकारी नोबुहिरो काशिमा के साथ मीटिंग हुई। इस मीटिंग में उन्होंने मेक इन इंडिया की भावना के साथ भविष्य के मैन्युफैक्चरिंग सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की।

उन्होंने बताया कि भारतीय कंपनियां किस प्रकार टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, शिपबिल्डिंग मॉनिटरिंग, नॉलेज शेयरिंग और दूसरे क्षेत्रों में जॉइंट शिपबिल्डिंग और शिप ऑपरेशन के लिए एनवाईके के साथ सहयोग के अवसरों की तलाश में हैं।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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