पाकिस्तान ने यूएनएससी में संभाला अध्यक्ष पद, भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर किया बेनकाब

पाकिस्तान ने यूएनएससी में संभाला अध्यक्ष पद, भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर किया बेनकाब

पाकिस्तान ने यूएनएससी में संभाला अध्यक्ष पद, भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर किया बेनकाब

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IANS
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India exposes Pakistan over terror before routine presidency changeover at UNSC

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

संयुक्त राष्ट्र, 1 जुलाई (आईएएनएस)। पाकिस्तान द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभालने के बाद मंगलवार को भारत ने ‘इस्लामाबाद’ की सीमा पार आतंकवाद में संलिप्तता को उजागर किया। भारत ने हाल के पहलगाम नरसंहार पर ध्यान दिलाया, जो पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा किया गया था।

यह कदम वैश्विक स्तर पर बढ़ती अस्थिरता की चिंता के बीच उठाया गया है, जब भारत ने हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया।

पाकिस्तान के अध्यक्ष बनने से एक दिन पहले भारत ने संयुक्त राष्ट्र भवन के प्रवेश द्वार पर द ह्यूमन कॉस्ट ऑफ टेररिज्म नामक प्रदर्शनी आयोजित कर पाकिस्तान की आतंकवाद में भूमिका को उजागर किया, जिसमें न केवल भारत बल्कि 9/11 जैसे वैश्विक हमलों में भी उसकी संलिप्तता दिखाई गई।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि यह प्रदर्शनी आतंकवाद के पीछे के दोषियों को बेनकाब करने और वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की मांग के लिए है।

सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान अपने ‘सदाबहार मित्र’ चीन के साथ मिलकर काम करता है।

अध्यक्ष के रूप में पाकिस्तान को प्रक्रिया के नियमों और कूटनीतिक परंपराओं का पालन करना होगा, जिसमें सदस्यों को बोलने की अनुमति देना और प्रस्ताव पेश करना शामिल है।

महीने का एजेंडा परिषद की बैठक के पहले दिन सर्वसम्मति से अपनाया जाता है। 2023 में रूस ने अमेरिका और अल्बानिया की अध्यक्षता के दौरान इसे अवरुद्ध किया था, जिसके कारण परिषद को अस्थायी एजेंडा के साथ काम करना पड़ा।

अध्यक्ष के रूप में इस्लामाबाद उच्च-स्तरीय हस्ताक्षर कार्यक्रम और अपनी पसंद के विषयों पर खुली बहस के रूप में जाना जाता है।

पाकिस्तान उच्च-स्तरीय बैठकें और खुली बहस आयोजित कर सकता है। इसका स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद अधिकांश बैठकों की अध्यक्षता करेगा, लेकिन उप-प्रधानमंत्री मोहम्मद इशाक डार जैसे नेता भी शामिल हो सकते हैं।

इस बीच, पाकिस्तान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार के लिए नामित कर सकता है, लेकिन ईरान और इजरायल-हमास संघर्ष जैसे मुद्दों पर वह रूस और चीन के साथ है। पिछले महीने ईरान पर आपातकालीन सत्र में पाकिस्तान ने अमेरिका और इजरायल के हमलों की निंदा करने की मांग की थी।

चीन और रूस के साथ पाकिस्तान ने अमेरिका और इजरायल द्वारा की गई बमबारी की निंदा करते हुए एक मसौदा प्रस्ताव पेश किया था। हालांकि, सीजफायर के कारण इस पर विराम लग गया और किसी भी मामले में उसे अमेरिकी वीटो का सामना करना पड़ता।

इजरायल-हमास संघर्ष में पाकिस्तान फिलिस्तीन के साथ है और कश्मीर को इस मुद्दे से जोड़ने की कोशिश करता है, लेकिन अब तक वो समर्थन पाने में कामयाब नहीं हुआ है।

पाकिस्तान को पिछले साल एशिया-प्रशांत क्षेत्र के प्रतिनिधि के रूप में गैर-स्थायी सदस्य चुना गया था और जनवरी में परिषद में शामिल हुआ।

--आईएएनएस

एफएम/केआर

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