भारत ग्रीन एनर्जी डेवलपमेंट में ग्लोबल लीडर के रूप में उभर रहा

भारत ग्रीन एनर्जी डेवलपमेंट में ग्लोबल लीडर के रूप में उभर रहा

भारत ग्रीन एनर्जी डेवलपमेंट में ग्लोबल लीडर के रूप में उभर रहा

author-image
IANS
New Update
Rewa,Ultra Mega Solar Power project,Narendra Modi,PM dedicates Rewa Ultra Mega Solar Power project to nation

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। भारत सस्टेनेबल डेवलपमेंट में एक ग्लोबल लीडर के रूप में तेजी से उभर रहा है, क्योंकि देश न केवल वैश्विक जलवायु एजेंडे का पालन कर रहा है, बल्कि आर्थिक समृद्धि और एक मजबूत राष्ट्र के मार्ग के रूप में ग्रीन फ्यूचर के लिए भी एक सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित कर रहा है।

Advertisment

इंडिया नैरेटिव में एरिक सोलहेम द्वारा लिखे गए आर्टिकल में कहा गया, मजबूत राजनीतिक नेतृत्व, अच्छे प्राइवेट सेक्टर और प्रकृति के साथ गहरे दार्शनिक संबंध को मिलाकर भारत यह साबित कर रहा है कि ग्रीन फ्यूचर न केवल संभव है, बल्कि समृद्धि और शक्ति का सीधा मार्ग भी है।

आर्टिकल में आगे कहा गया कि यह परिवर्तन कई शक्तिशाली कारकों के संयोजन से प्रेरित है, जिसमें दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति, एक जीवंत व्यावसायिक क्षेत्र और एक सक्रिय समाज शामिल हैं। भारत में इस ग्रीन शिफ्ट को बोझ बनने से कहीं ज्यादा, आर्थिक समृद्धि और राष्ट्रीय शक्ति के मार्ग के रूप में देखा जा रहा है, यह जलवायु परिवर्तन के डर के इर्द-गिर्द नहीं, बल्कि एक उज्जवल, अधिक समृद्ध भविष्य के वादे के इर्द-गिर्द बुना गया है।

रिपोर्ट में कहा गया कि भारत पर अंतरराष्ट्रीय जलवायु वार्ता में बाधा डालने का अनुचित आरोप लगाया गया है और उसे एक ऐसे संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है जिसमें उसका योगदान नगण्य है। वास्तविकता यह है कि संयुक्त राज्य अमेरिका का प्रति व्यक्ति उत्सर्जन वर्तमान में भारत से 25 गुना ज्यादा है। यह असमानता उन लोगों के अहंकार को उजागर करती है जो अपनी ऐतिहासिक और वर्तमान जिम्मेदारियों को नजरअंदाज करते हुए भारत पर उंगली उठाते हैं।

यह लेख जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सौर, पवन और जल विद्युत परियोजनाओं की स्थापना में भारत द्वारा प्राप्त सफलता को दिखाता है।

भारत की ग्रीन एनर्जी में प्रगति केवल एक-दो राज्यों में नहीं, बल्कि पूरे देश के अलग-अलग हिस्सों में हुई है।

इसमें गुजरात अग्रणी है, जिसका महत्वाकांक्षी लक्ष्य 2030 तक 100 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न करना है। यदि यह एक अलग राष्ट्र होता, तो यह आंकड़ा इसे अकेले दुनिया की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना देता। तमिलनाडु पवन ऊर्जा में तेजी से प्रगति कर रहा है और उसने बड़े पैमाने पर मैंग्रोव रेस्टोरेशन प्रोजेक्ट शुरू किया है, जबकि मध्य प्रदेश देश के इनोवेटिव ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट को आगे बढ़ा रहा है, जिसमें खंडवा में ओंकारेश्वर बांध पर 150 मेगावाट का तैरता हुआ सौर संयंत्र और भारत का पहला सौर गांव, सांची शामिल हैं।

इसके अलावा, गुजरात की तरह, आंध्र प्रदेश भी सौर ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी है, जहां पर्याप्त क्षमता स्थापित है और उत्तर प्रदेश जल विद्युत और पंप भंडारण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और अपने कृषि क्षेत्र को हरित बनाने में प्रगति की है।

आर्टिकल के लेखक एरिक सोलहेम पर्यावरण और विकास के क्षेत्र में एक जाने-माने वैश्विक नेता होने के साथ-साथ एक अनुभवी शांति वार्ताकार भी हैं। उन्होंने 2005 से 2012 तक नॉर्वे के पर्यावरण और अंतरराष्ट्रीय विकास मंत्री के रूप में कार्य किया।

--आईएएनएस

एबीएस/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment