भारत ग्लोबल साउथ में परिवर्तन को गति देने के लिए प्रतिबद्ध : नीति आयोग उपाध्यक्ष

भारत ग्लोबल साउथ में परिवर्तन को गति देने के लिए प्रतिबद्ध : नीति आयोग उपाध्यक्ष

भारत ग्लोबल साउथ में परिवर्तन को गति देने के लिए प्रतिबद्ध : नीति आयोग उपाध्यक्ष

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IANS
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New Delhi: NITI Aayog Releases Report on Policy for Medium Enterprises

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 23 जुलाई (आईएएनएस)। नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा है कि भारत का सतत आर्थिक और समावेशी विकास मॉडल उसे ऐसे समय में स्थिरता का आधार बनाता है, जब दुनिया आर्थिक अनिश्चितता और परिवर्तन का सामना कर रही है।

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अमेरिका स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच के मंत्रिस्तरीय सत्र में बेरी ने कहा, विश्व समुदाय वर्तमान में गहन आर्थिक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, जिससे सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए सभी का मिलकर काम करना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज दुनिया को नए ग्रोथ इंजन, डेवलपमेंट मॉडल और स्टेबिलिटी के विश्वसनीय आधार की आवश्यकता है, जिन्हें विभिन्न देशों में लागू किया जा सके।

उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अपने विशिष्ट लाभों और विकास के इतिहास का उपयोग कर ग्रोथ इंजन, डेवलपमेंट मॉडल और स्टेबिलिटी के विश्वसनीय आधार तीनों को प्रदान करने के लिए तैयार और उत्सुक है।

बेरी ने भारत की आर्थिक दृढ़ता पर जोर देते हुए कहा कि देश लगातार बढ़ते सामाजिक-आर्थिक मानकों के साथ एक समृद्ध लोकतंत्र बन गया है।

उन्होंने इस प्रगति का श्रेय समावेशी डिजिटल तकनीकों, नैतिक रूप से सुदृढ़ सुधारों और समाज के सभी पहलुओं को सशक्त बनाने वाले कानूनों को दिया।

इसके अतिरिक्त, उन्होंने ग्लोबल साउथ में परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

उनका मानना था कि अन्य विकासशील देश भारत की विकास यात्रा से सीख सकते हैं।

बेरी ने हालिया आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि अनुमान है कि 2013-14 और 2022-23 के बीच लगभग 24.8 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर निकले हैं।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत इन युवाओं का उज्ज्वल और उत्पादक भविष्य सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, क्योंकि अब दुनिया भर में वर्कफोर्स में प्रवेश करने वाले युवाओं की सबसे बड़ी संख्या भारत में है।

बेरी ने कहा कि भारत की डेवलपमेंट स्टोरी इस बात का प्रमाण है कि समावेशी और सतत विकास न केवल संभव है, बल्कि विभिन्न परिस्थितियों में इसे बढ़ाया भी जा सकता है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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