भारत पशुधन निर्यात में ग्लोबल लीडर के रूप में अपनी स्थिति कर सकता है मजबूत

भारत पशुधन निर्यात में ग्लोबल लीडर के रूप में अपनी स्थिति कर सकता है मजबूत

author-image
IANS
New Update
Traders Display Goats at Retteri Lake Market in Chennai

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के अनुसार, भारत पशुधन निर्यात में विशेष रूप से मूल्य-वर्धित क्षेत्रों में एक ग्लोबल लीडर के रूप में स्थापित हो सकता है। उन्होंने आगे कहा कि उद्योग को अधिक महत्वाकांक्षी बनने के साथ इस वित्त वर्ष में निर्यात में 20 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य रखना चाहिए।

वित्त वर्ष 2025 में पशु उत्पादों का कुल निर्यात 5114.19 मिलियन डॉलर रहा, जो 12.56 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) तथा भारत सरकार के मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) ने नई दिल्ली में संयुक्त रूप से पशुधन एवं उनके मूल्यवर्धित उत्पादों का निर्यात - भविष्य की संभावनाएं एवं आगे का रास्ता विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया।

डीएएचडी की सचिव अलका उपाध्याय ने कहा कि रोग नियंत्रण इंफ्रास्ट्रक्चर, गुणवत्ता प्रणाली में निरंतर निवेश, बेहतर बाजार पहुंच और निर्यात एवं जैव सुरक्षा उपायों के लिए राजनयिक चैनलों के जरिए भारत इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।

उन्होंने कहा, उद्योग को पशुधन के प्रसंस्करण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी निर्यात सुनिश्चित करने के लिए संयंत्रों और प्रतिष्ठानों के लिए स्टार रेटिंग प्राप्त कर पशुधन उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करना चाहिए।

इस कार्यशाला में केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों, उद्योग हितधारकों, नीति विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों ने गुणवत्ता वृद्धि, रोग निवारण, बाजार पहुंच पहल, खुरपका और मुंहपका रोग (एफएमडी) मुक्त इंफ्रास्ट्रक्चर, तकनीकी प्रगति, बाजार तक पहुंच की पहल और वैश्विक बाजार के साथ जुड़ाव के माध्यम से भारत के पशुधन निर्यात इकोसिस्टम को मजबूत करने पर विचार-विमर्श किया।

डीएएचडी की अतिरिक्त सचिव वर्षा जोशी ने रोग नियंत्रण प्रयासों पर अपडेट साझा किए।

उन्होंने निरंतर संसाधन आपूर्ति, गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए स्वच्छ और हाइजीन स्थितियां, नर बछड़े की परियोजना को बचाना, मार्केट इंटेलिजेंस और देश में खुरपका और मुंहपका रोग (एफएमडी) मुक्त क्षेत्रों की स्थापना की जरूरत पर प्रकाश डाला।

उन्होंने बताया कि एफएमडी कार्यक्रम की प्रगति और उपलब्धि के आधार पर, विभाग 9 राज्यों को एफएमडी मुक्त क्षेत्र के रूप में नामित करने की दिशा में काम कर रहा है। इन राज्यों में कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र और गुजरात शामिल हैं।

--आईएएनएस

एसकेटी/

Advertisment

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
Advertisment