भारत 2047 से पहले बन सकता है दुनिया का सेमीकंडक्टर पावरहाउस : इंडस्ट्री लीडर्स

भारत 2047 से पहले बन सकता है दुनिया का सेमीकंडक्टर पावरहाउस : इंडस्ट्री लीडर्स

भारत 2047 से पहले बन सकता है दुनिया का सेमीकंडक्टर पावरहाउस : इंडस्ट्री लीडर्स

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IANS
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India can become a semiconductor powerhouse before 2047: Industry leaders

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 2 सितंबर (आईएएनएस)। भारत तेजी से घरेलू स्तर पर सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम का निर्माण कर रहा है और मंगलवार को सेमीकॉन इंडिया 2025 में इंडस्ट्री लीडर्स ने कहा कि देश 2047 से पहले दुनिया का सेमीकंडक्टर पावरहाउस बन सकता है।

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सेमीकॉन इंडिया के साइडलाइन में समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए इंडस्ट्री लीडर्स ने कहा कि भारत की मजबूत प्रतिभा, सहायक नीतियां और अंतरराष्ट्रीय साझेदारियां इस परिवर्तन को आगे बढ़ाने वाले प्रमुख कारक हैं।

एसईएमआई (सेमीकंडक्टर इक्विपमेंट एंड मटेरियल्स इंटरनेशनल) के सीईओ और प्रेसिडेंट ने कहा कि भारत का सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम तेज वृद्धि के रास्ते पर है।

उन्होंने आईएएनएस से कहा, अगर भारत की मौजूदा रफ्तार जारी रहती है, तो देश 2047 तक सेमीकंडक्टर का पावरहाउस बना सकता है।

चिप निर्माण में वैश्विक परस्पर निर्भरता के महत्व पर जोर देते हुए, मनोचा ने कहा कि भारत को वैल्यू चेन में अपना सही स्थान खोजना होगा, जिसकी शुरुआत असेंबली और परीक्षण से होगी, जबकि आने वाले वर्षों में बड़े वेफर फैब आने की उम्मीद है।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण भारत की सबसे छोटी चिप सबसे बड़ा बदलाव लाएगी का भी समर्थन किया और बताया कि सेमीकंडक्टर अब आधुनिक जीवन का आधार हैं।

मीडियाटेक इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर अंकु जैन ने कहा कि सेमीकॉन इंडिया 2025 देश के लिए एक मील का पत्थर है। इससे सेमीकंडक्टर क्षेत्र में देश को घरेलू स्तर पर क्षमताएं विकसित करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा, भारत में घरेलू स्तर पर बनी चिप्स 2025 के अंत तक बाजार में आ जाएंगी और 1.60 लाख करोड़ रुपए की वैल्यू के 10 फेब्रिकेशन प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दे दी गई है। सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री विकसित करके भारत केवल एक इंडस्ट्री का निर्माण नहीं कर रहा, बल्कि अरबों लोगों तक टेक्नोलॉजी को पहुंचा रहा है।

जैन ने कहा कि भारत एक तेजी से बढ़ता हुआ बाजार है। अधिक रिसर्च एंड डेवलपमेंट टैलेंट का विशाल पूल, सपोर्टिव इकोसिस्टम, देश को मीडियाटेक के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बनाते हैं।

गति शक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनोज चौधरी ने कहा कि भारत अभी सेमीकंडक्टर निर्माण के शुरुआती चरण में है, लेकिन प्रगति तेजी से हो रही है।

उन्होंने कहा, अगले 10-20 वर्षों में, भारत वैश्विक स्तर पर अपनी एक मजबूत पहचान बनाएगा। दुनिया की 20 प्रतिशत डिजाइन टैलेंट पहले से ही यहां मौजूद हैं और डीएलआई जैसी योजनाओं से मिलने वाले समर्थन के साथ, स्वदेशी चिप डिजाइन और निर्माण को काफी बढ़ावा मिलेगा।

एमर्सन के कंट्री हेड और डायरेक्टर शीतेंद्र भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार सही नीति बनाकर इंडस्ट्री को सपोर्ट कर रही है और स्थानीय कंपनियां इनोवेशन पर फोकस कर रही है। मुझे लगता है कि अगले 10 वर्षों में देश इनोवेशन में काफी आगे बढ़ सकता है। इससे आत्मनिर्भरता में मदद मिलेगी।

उन्होंने आगे कहा कि देश के पास एक बड़ा बाजार है। हर इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद में सेमीकंडक्टर का उपयोग होता है। इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद हर व्यक्ति की जरूरत है ऐसे में आने वाले समय में सेमीकंडक्टर सेक्टर देश की जीडीपी में बढ़ा योगदान देगा।

कायन्स सेमीकॉन प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ रघु पैनिकर ने कहा कि यह इवेंट बहुत बड़ा मौका है। इससे उत्पादकों को इंडस्ट्री के लोगों से मिलने और अपना प्रोडक्ट दिखाने का अवसर मिलता है, जिससे विकास के नए अवसर खुलते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि देश में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम का विकसित करने पर सरकार का फोकस होना बहुत अच्छा संकेत है, क्योंकि आज के समय में सीलिंग फैन से लेकर कार और रेलवे आदि में सेमीकंडक्टर का उपयोग हो रहा है। ऐसे में अगर इनका उत्पादन स्थानीय स्तर पर होता है तो प्रोडक्ट्स की लागत में कमी आएगी।

डेल्टा इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के बिजनेस हेड- इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन एसबीपी डॉ. संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि आज के समय में हर इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट में सेमीकंडक्टर का उपयोग किया जा रहा है। भारत भी एक बड़ा बाजार है। ऐसे में यह इंडस्ट्री 2047 तक विकसित भारत बनाने में काफी योगदान देगी।

--आईएएनएस

एबीएस/

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