नई दिल्ली, 10 जून (आईएएनएस)। वैश्विक स्तर पर स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट में गिरावट देखी जा रही है और 2025 में भारत का उत्पादन दोहरे अंक में बढ़ने की उम्मीद है, जिससे वर्ल्ड आउटपुट में देश का शेयर करीब 20 प्रतिशत पहुंच जाएगा। यह जानकारी मंगलवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में दी गई।
काउंटरपॉइंट रिसर्च के लेटेस्ट ग्लोबल स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग ट्रैकर के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट 2025 में सालाना आधार पर एक प्रतिशत गिरने का अनुमान है। इसकी वजह टैरिफ का प्रभाव और इंडस्ट्री में धीमापन आना है। इससे पहले 2024 में इंडस्ट्री आउटपुट में 4 प्रतिशत की तेजी देखी गई है।
चीन, भारत और वियतनाम 2024 में ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट के 90 प्रतिशत से अधिक के लिए जिम्मेदार हैं, जिसमें भारत आउटपुट वृद्धि में सबसे आगे था।
2025 में विभिन्न देशों के मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट में मिश्रित प्रदर्शन करने की उम्मीद है। चीन का उत्पादन टैरिफ के कारण प्रभावित रहेगा, जिसके परिणामस्वरूप उत्पादन में गिरावट आएगी और साथ ही घरेलू प्रदर्शन में भी गिरावट का अनुमान है।
कोविड-19 महामारी के बाद वैश्विक स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग में बदलाव तेज हो गया है, लेकिन टैरिफ ने हर स्तर पर उद्योग के खिलाड़ियों को नुकसान पहुंचाया है, जिसमें अपस्ट्रीम घटक आपूर्तिकर्ताओं से लेकर डाउनस्ट्रीम आयातकों और वितरकों, ब्रांडों से लेकर निर्माताओं तक शामिल हैं।
काउंटरपॉइंट रिसर्च के वरिष्ठ विश्लेषक इवान लैम ने कहा, ब्रांड्स के पास चीन से बाहर जाने और अन्य देशों में अधिक उत्पादन क्षमता और आउटपुट आवंटित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
लैम ने कहा कि चीन से बाहर जाने वाली क्षमता में मुख्य विजेता भारत और वियतनाम हैं। भारत में उत्पादन बढ़ाने की काफी क्षमता है और वियतनाम, जो चीन के अपेक्षाकृत करीब है और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए एक परिपक्व कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर और एक्सपोर्टर है।
भारत का पूरा मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम लगातार बढ़ रहा है और स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग में उत्पादकता और जटिलता दोनों के संदर्भ में लगातार सुधार हो रहा है।
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