बीते 11 वर्षों में भारत वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में शीर्ष पर पहुंचा : अरुंधति भट्टाचार्य (आईएएनएस इंटरव्यू)

बीते 11 वर्षों में भारत वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में शीर्ष पर पहुंचा : अरुंधति भट्टाचार्य (आईएएनएस इंटरव्यू)

बीते 11 वर्षों में भारत वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में शीर्ष पर पहुंचा : अरुंधति भट्टाचार्य (आईएएनएस इंटरव्यू)

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IANS
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India at forefront of the global digital economy in 11 years: Arundhati Bhattacharya (IANS Interview)

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 17 जून (आईएएनएस) सेल्सफोर्स-साउथ एशिया की अध्यक्ष और सीईओ अरुंधति भट्टाचार्य ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सरकार के तहत पिछले 11 वर्षों में भारत में डिजिटल इकोसिस्टम तेजी से विकसित हुआ है।

राष्ट्रीय राजधानी में एक कार्यक्रम के साइडलाइन में आईएएनएस से बातचीत करते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि देश में अब दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल रूप से सक्षम आबादी रहती है।

भट्टाचार्य को हाल ही में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक पद्म श्री से सम्मानित किया गया है।

उन्होंने आईएएनएस से कहा, मजबूत नीति, बड़े पैमाने पर डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर की शुरुआत और इनोवेशन द्वारा संचालित इस परिवर्तन ने भारत को वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में सबसे अग्रणी बना दिया है।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की पूर्व अध्यक्ष भट्टाचार्य ने आगे कहा कि पिछले एक दशक में की गई जमीनी तैयारी एआई जैसी टेक्नोलॉजी के लिए एक मजबूत आधार बना कर रही है और इसके लिए स्किल डेवलपमेंट अत्यंत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा, आज जिस तरह के स्किल की आवश्यकता है, वह कुछ साल पहले की तुलना में बहुत अलग है। इस कारण स्किल डेवलपमेंट केवल युवाओं को प्रशिक्षित करने के बारे में नहीं है, बल्कि यह पहले से ही कार्यबल में शामिल लोगों को फिर से प्रशिक्षित करने के बारे में भी है।

भारत में 10 में से नौ (92 प्रतिशत) सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट लीडर्स का मानना ​​है कि पारंपरिक सॉफ्टवेयर टूल की तरह ही ऐप विकास के लिए एआई एजेंट भी आवश्यक हो जाएंगे।

सेल्सफोर्स की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में ह्यूमन रिसोर्स इंडस्ट्री के लीडर्स को उम्मीद है कि 2027 तक एजेंटिक एआई को अपनाने में 383 प्रतिशत की वृद्धि होगी।

भट्टाचार्य ने आईएएनएस को बताया, हम 3,000 से अधिक कॉलेजों के साथ काम कर रहे हैं, जहां हमारे पाठ्यक्रम क्रेडिट इलेक्टिव हैं। ये साझेदारियां जरूरी प्रशिक्षण तक व्यापक पहुंच सुनिश्चित करती हैं।

उनके अनुसार, एआई कार्यबल में अधिक महिलाओं को लाने के लिए लक्षित प्रयासों की आवश्यकता है।

भविष्य में भारत के दुनिया की एआई राजधानी बनने के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि भारत जो चाहे बन सकता है। असली सवाल यह है कि हम अपने लोगों को कैसे सक्षम और सशक्त बना रहे हैं? अगर हम सही नीतियां, सही अवसर प्रदान कर सकते हैं और व्यापक स्किल डेवलपमेंट सुनिश्चित कर सकते हैं, तो हां, भारत में निश्चित रूप से दुनिया की एआई राजधानी बनने की क्षमता है।

--आईएएनएस

एबीएस/

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