भारत और जापान ने टोक्यो में राइजिंग इंडिया कॉन्क्लेव के दौरान सहयोग की नई सीमाओं की तलाश की

भारत और जापान ने टोक्यो में राइजिंग इंडिया कॉन्क्लेव के दौरान सहयोग की नई सीमाओं की तलाश की

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IANS
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India and Japan explore new frontiers of collaboration during Rising India conclave in Tokyo

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

टोक्यो, 6 जून (आईएएनएस)। भारत और जापान के बीच गहरे द्विपक्षीय सहयोग की अपार संभावनाओं पर टोक्यो में राइजिंग इंडिया यानी भारत के उद्घाटन सत्र के दौरान विस्तार से चर्चा की गई, जो साझा मूल्यों और आर्थिक अवसरों से प्रेरित है।

टोक्यो स्थित भारतीय दूतावास और जापान-भारत एसोसिएशन के सहयोग से आयोजित यह सम्मेलन, कनेक्ट इंडिया जापान द्वारा जापान में आयोजित पहला प्रमुख भारत-जापान कार्यक्रम था, जो सांस्कृतिक कूटनीति को व्यापार और नीतिगत वार्ता के साथ सम्मिश्रित करके द्विपक्षीय संबंधों में नए मार्ग प्रशस्त करने वाली एक पहल है।

इस कार्यक्रम में भारत और जापान दोनों देशों के नीति निर्माताओं, राजनयिकों, कॉर्पोरेट नेताओं और विचार प्रभावितों को एक साथ लाया गया ताकि कूटनीति, व्यापार, प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में सहयोग की नई सीमाओं का पता लगाया जा सके।

अपने उद्घाटन भाषण में जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज ने आतंकवाद पर भारत के अडिग रुख की पुष्टि की तथा शांति की रक्षा में लचीलेपन और एकता के महत्व पर प्रकाश डाला।

जापान में भारतीय दूतावास ने एक्स पर पोस्ट किया, राजदूत सिबी जॉर्ज ने टोक्यो में आयोजित राइजिंग इंडिया यानी भारत सेमिनार में उद्घाटन भाषण दिया और जापान के पूर्व विदेश, रक्षा और डिजिटल मामलों के मंत्री तारो कोनो ने मुख्य भाषण दिया। राजदूत ने भारत के परिवर्तनकारी सुधारों, अमृत काल की ओर इसकी दूरदर्शी यात्रा और भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी की बढ़ती ताकत पर प्रकाश डाला। पहलगाम में हाल ही में सीमा पार से हुए आतंकी हमलों की निंदा करते हुए भारत ने आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस के दृढ़ रुख को सेमिनार में दोहराया।

जापान के प्रतिनिधि सदन के सदस्य कोनो तारो ने विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत की वृद्धि के बारे में बात की तथा भारत की विकास गाथा के साथ अपने व्यक्तिगत संबंध पर प्रकाश डाला।

एक अन्य वक्ता, दिवंगत जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के पूर्व विशेष सलाहकार तोमोहिको तानिगुची ने भी एक भावपूर्ण संबोधन दिया, जिसमें उन्होंने आबे के भारत के प्रति गहन लगाव तथा भारत-जापान संबंधों को मजबूत करने के लिए उनकी दूरदर्शी प्रतिबद्धता की सराहना की।

कार्यक्रम के दौरान उच्च स्तरीय पैनल चर्चाओं में उभरते कूटनीतिक परिदृश्य पर गहन चर्चा की गई, जिसमें भारत के उल्लेखनीय विकास और वैश्विक मंच पर इसके बढ़ते महत्व पर चर्चा की गई।

उन्होंने इस बात पर विचार किया कि किस तरह आपसी विश्वास और कूटनीतिक सहयोग इस द्विपक्षीय बंधन को पोषित करने में केंद्रीय भूमिका निभा रहे हैं।

इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम में व्यापारिक परिप्रेक्ष्य को भी सामने लाया गया, जिसमें प्रभावशाली कॉर्पोरेट नेताओं ने भारत-जापान सहयोग में अवसरों और सफलताओं पर चर्चा की।

अगली पीढ़ी के क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाली भारतीय कंपनियों ने लाइव प्रस्तुतियों और प्रदर्शनों के साथ मुख्य मंच पर कदम रखा, जिसमें एआई, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, टिकाऊ समाधान और स्मार्ट विनिर्माण में भारत की क्षमता को दर्शाया गया।

इस शोकेस ने विश्वसनीय, दूरदर्शी साझेदारी की तलाश कर रहे जापानी समकक्षों की ओर से काफी रुचि दिखाई।

कार्यक्रम की शुरुआत 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए मौन रखकर की गई, जिसमें सभी उपस्थित लोगों को भारत के सामने मौजूद चुनौतियों और आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़े होने के साझा संकल्प की याद दिलाई गई।

यह जापान में पहला बड़े पैमाने पर भारत-केंद्रित सम्मेलन था, जिसे पूरी तरह से एक भारतीय महिला कनेक्ट इंडिया जापान की संस्थापक नूपुर तिवारी द्वारा क्यूरेट और होस्ट किया गया था, जिन्होंने दोनों संस्कृतियों को जोड़ने में दो दशक से अधिक समय बिताया है।

--आईएएनएस

एकेएस/एकेजे

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