2030 तक कपड़ा निर्यात को तीन गुना बढ़ाना भारत का लक्ष्य: केंद्र सरकार

2030 तक कपड़ा निर्यात को तीन गुना बढ़ाना भारत का लक्ष्य: केंद्र सरकार

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IANS
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India aims to triple its textile exports to Rs 9 lakh crore by 2030

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 19 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्र सरकार का कहना है कि भारत का कपड़ा निर्यात 3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इसी के साथ घरेलू विनिर्माण को मजबूत कर और वैश्विक पहुंच का विस्तार कर 2030 तक इसे तीन गुना बढ़ाकर 9 लाख करोड़ रुपये तक करने का लक्ष्य रखा गया है।

भारत वैश्विक स्तर पर कपड़ा निर्यात करने वाला छठा सबसे बड़ा देश है, जिसने 2023-24 में देश के कुल निर्यात में 8.21 प्रतिशत का योगदान दिया।

कपड़ा मंत्रालय के अनुसार, वैश्विक व्यापार में इस क्षेत्र की हिस्सेदारी 4.5 प्रतिशत है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ भारत के कपड़ा और परिधान निर्यात का 47 प्रतिशत हिस्सा है।

राष्ट्रीय राजधानी में हाल ही में हुए ‘भारत टेक्स 2025’ ने सरकार के “फार्म से फाइबर, फैब्रिक, फैशन और फॉरेन मार्केट” विजन को गति देने के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया।

इस कार्यक्रम ने कपड़ा क्षेत्र में भारत के नेतृत्व, इनोवेशन, सस्टेनेबिलिटी और वैश्विक सहयोग के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया।

14 से 17 फरवरी तक आयोजित इस कार्यक्रम में 2.2 मिलियन वर्ग फीट का क्षेत्र शामिल था और इसमें 5,000 से अधिक प्रदर्शकों ने भाग लिया, जिससे भारत के टेक्सटाइल इकोसिस्टम का बड़े लेवल पर प्रदर्शन हुआ।

मंत्रालय के अनुसार, वैश्विक सीईओ, पॉलिसी मेकर और इंडस्ट्री लीडर्स सहित 120 से अधिक देशों के 1,20,000 से ज्यादा ट्रेड विजिटर्स इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

सरकार ने कहा, रोजगार के दृष्टिकोण से, कपड़ा उद्योग 45 मिलियन से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करता है और अप्रत्यक्ष रूप से 100 मिलियन से अधिक व्यक्तियों की आजीविका का समर्थन करता है, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं और ग्रामीण श्रमिक शामिल हैं।

कपड़ा विनिर्माण को बढ़ाने, इंफ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण, इनोवेशन को बढ़ावा देने और टेक्नोलॉजी को एडवांस करने पर सरकार के फोकस ने वैश्विक कपड़ा केंद्र के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत किया है।

भारत दुनिया के सबसे बड़े कपड़ा उत्पादकों और निर्यातकों में से एक है, जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों की जरूरतों को पूरा करता है।

इस क्षेत्र की विशेषता बड़े पैमाने पर औद्योगिक विनिर्माण और छोटे पैमाने पर कारीगर उत्पादन का मिश्रण है, जो इनोवेशन और परंपरा की जीवंतता को दर्शाता है।

देश के फैब्रिक हब गुजरात, तमिलनाडु, पंजाब और पश्चिम बंगाल हैं, जिनमें से प्रत्येक अपनी खास कपड़ा विशेषताओं के लिए जाना जाता है।

परिधान और फैशन उद्योग सकल घरेलू उत्पाद और रोजगार में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

--आईएएनएस

एसकेटी/केआर

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