एफडीआई की सीमा 100 प्रतिशत करने से इंश्योरेंस की पहुंच बढ़ेगी : इंडस्ट्री

एफडीआई की सीमा 100 प्रतिशत करने से इंश्योरेंस की पहुंच बढ़ेगी : इंडस्ट्री

एफडीआई की सीमा 100 प्रतिशत करने से इंश्योरेंस की पहुंच बढ़ेगी : इंडस्ट्री

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IANS
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Increased FDI limit in insurance to boost innovation, insurance penetration: Industry

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। सरकार की ओर से इंश्योरेंस सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 100 प्रतिशत करने से इंश्योरेंस की पहुंच बढ़ेगी, सेक्टर में नया निवेश आएगा और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा। यह जानकारी शनिवार को इंडस्ट्री लीडर्स की ओर से दी गई।

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केंद्रीय कैबिनेट की ओर से बीमा कानून (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दे दी गई है। इसमें इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई की सीमा को 100 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव है।

इस विधेयक में कम्पोजिट लाइसेंस का भी प्रस्ताव है, जिससे नई कंपनियों को सेक्टर में प्रवेश के लिए कम कैपिटल की आवश्यकता होगी।

पीबी फिनटेक के ज्वाइंट ग्रुप सीईओ सरबवीर सिंह ने कहा कि यह कदम वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले इंश्योरेंस सेक्टर में स्पष्टता, विश्वास और दीर्घकालिक पूंजी लाता है।

उन्होंने कहा कि वैश्विक विशेषज्ञता और निरंतर निवेश इनोवेशन को गति देने, उपभोक्ता अनुभव को बेहतर बनाने और देश भर में इंश्योरेंस पहुंच का विस्तार करने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह सुधार सेवा की समग्र गुणवत्ता को बढ़ाएंगे और बड़ी मात्रा में नई पूंजी को आकर्षित करेंगे।

सिंह ने आगे कहा कि बढ़ती प्रतिस्पर्धा से उत्पादों की व्यापक रेंज और अधिक विशिष्ट समाधानों को प्रोत्साहन मिलेगा।

रिन्यूबाय के सह-संस्थापक और सीईओ बालाचंदर शेखर ने इस विधेयक को दूरदर्शी और सुसंगत सुधार पैकेज बताते हुए कहा कि यह क्षेत्रीय परिवर्तन के लिए संरचनात्मक आधार तैयार करेगा।

उन्होंने कहा कि कम्पोजिट लाइसेंस से एकीकरण को बढ़ावा मिलेगा, ग्राहक-केंद्रित सुरक्षा सुनिश्चित होगी और तर्कसंगत पूंजी मानदंड नए प्रतिभागियों को उन बाजारों में सेवा देने के लिए आमंत्रित करेंगे जहां अभी तक पर्याप्त सेवाएं नहीं पहुंची हैं।

शेखर ने 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की शुरुआत का स्वागत करते हुए कहा, वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं और उन्नत प्रौद्योगिकियों तक पहुंच से जोखिम का बेहतर आकलन, दावों का त्वरित निपटान और ग्राहकों के साथ बेहतर जुड़ाव सुनिश्चित होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मध्यस्थों के लिए स्थायी पंजीकरण की व्यवस्था से अनुपालन संबंधी बार-बार होने वाली परेशानी कम होती है और दीर्घकालिक योजना को बढ़ावा मिलता है, जिससे हम अपनी पहुंच बढ़ाने और ग्राहक सेवा को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

एऑन के सीईओ, भारत और एशिया प्रशांत क्षेत्र के मानव पूंजी रणनीति प्रमुख, ऋषि मेहरा ने कहा कि इंश्योरेंस सेक्टर में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति देना भारत के जोखिम और इंश्योरेंस इकोसिस्टम को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

उन्होंने बताया कि भारत के लिए, यह एक अधिक सुरक्षित, प्रतिस्पर्धी और भविष्य के लिए तैयार बीमा बाजार की ओर हमारी प्रगति को गति देता है, जो देश के विकसित भारत के सफर में एक आवश्यक आधारशिला है।

--आईएएनएस

एबीएस/

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