आईएमएफ ने भारत के यूपीआई को दुनिया के सबसे बड़े रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम के रूप में मान्यता दी

आईएमएफ ने भारत के यूपीआई को दुनिया के सबसे बड़े रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम के रूप में मान्यता दी

आईएमएफ ने भारत के यूपीआई को दुनिया के सबसे बड़े रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम के रूप में मान्यता दी

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IANS
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IMF lists India's UPI as world’s largest real-time payment system

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत के यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) को लेनदेन की मात्रा के आधार पर दुनिया के सबसे बड़े रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम के रूप में मान्यता दी है। यह जानकारी सरकार की ओर से सोमवार को दी गई।

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वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित उत्तर में कहा कि इस तथ्य को आईएमएफ की जून 2025 की ‘बढ़ते खुदरा डिजिटल भुगतान (इंटरऑपरेबिलिटी की वैल्यू)’ रिपोर्ट में बताया गया था।

इसके अलावा, एसीआई वर्ल्डवाइड की प्राइम टाइम फॉर रियल-टाइम 2024 रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक रियल-टाइम भुगतान प्रणाली में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी और 129.3 अरब के लेनदेन के साथ यूपीआई वैश्विक सूची में शीर्ष पर है। 14 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी और 37.4 प्रतिशत लेनदेन के साथ ब्राजील दूसरे स्थान पर है, जबकि 8 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी और 20.4 अरब के लेनदेन के साथ थाईलैंड तीसरे स्थान पर है। 6 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी और 17.2 अरब के लेनदेन के साथ चीन चौथे स्थान पर है।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि छोटे व्यापारियों को यूपीआई सहित डिजिटल भुगतान प्रणालियों को अपनाने में सहायता प्रदान करने के लिए, सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा समय-समय पर विभिन्न पहल की गई हैं।

इनमें कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए एक प्रोत्साहन योजना और भुगतान अवसंरचना विकास कोष (पीआईडीएफ) शामिल है, जो टियर-3 से टियर-6 केंद्रों में डिजिटल भुगतान अवसंरचना (जैसे पीओएस टर्मिनल और क्यूआर कोड) की स्थापना के लिए बैंकों और वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों को अनुदान सहायता प्रदान करता है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 31 अक्टूबर, 2025 तक, टियर-3 से टियर-6 केंद्रों में पीआईडीएफ के माध्यम से लगभग 5.45 करोड़ डिजिटल टचपॉइंट स्थापित किए जा चुके हैं। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2024-25 तक, लगभग 6.5 करोड़ व्यापारियों के लिए कुल 56.86 करोड़ क्यूआर स्थापित किए जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार, आरबीआई और एनपीसीआई ने देश भर में सार्वजनिक सेवाओं, परिवहन और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म सहित सभी व्यवसायों में रुपे और यूपीआई के माध्यम से डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने की पहल की है।

--आईएएनएस

एबीएस/

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