आईएमएफ ने पाकिस्तान को दिया 1.2 बिलियन डॉलर का लोन, आर्थिक प्रबंधन और सुधार रिकॉर्ड पर जताई चिंता

आईएमएफ ने पाकिस्तान को दिया 1.2 बिलियन डॉलर का लोन, आर्थिक प्रबंधन और सुधार रिकॉर्ड पर जताई चिंता

आईएमएफ ने पाकिस्तान को दिया 1.2 बिलियन डॉलर का लोन, आर्थिक प्रबंधन और सुधार रिकॉर्ड पर जताई चिंता

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IANS
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IMF flags risks, slippages in Pakistan reforms despite $1.2 billion tranche

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

वॉशिंगटन, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान के आर्थिक प्रबंधन और रिफॉर्म रिकॉर्ड पर चिंता जताई है। हैरानी वाली बात यह है कि आईएमएफ ने फिर से पाकिस्तान को अपने बेलआउट प्रोग्राम के तहत करीब 1.2 बिलियन डॉलर के नए लोन को मंजूरी दी है। हालांकि, आईएमएफ ने नीति में चूक और खामियों की वजह से होने वाले रिस्क की चेतावनी भी दी है।

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आईएमएफ के एग्जीक्यूटिव बोर्ड ने पाकिस्तान की विस्तारित कोष सुविधा/एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (ईएफएफ) के दूसरे मूल्यांकन और लचीलापन और सतत सुविधा (आरएसएफ) के पहले मूल्यांकन को पूरा करने के बाद गुरुवार को एक रिपोर्ट जारी की। बोर्ड ने रिपोर्ट में यह भी कहा है कि आईएमएफ ने पाकिस्तान को ईएफएफ के तहत लगभग 1 अरब डॉलर और आरएसएफ के तहत करीब 20 करोड़ डॉलर की तुरंत किस्त जारी करने की अनुमति दे दी है।

हालांकि, आईएमएफ ने यह किस्त “परफॉर्मेंस क्राइटेरिया का पालन न करने की छूट के अनुरोध” के साथ जारी किया है। आईएमएफ ने कहा कि पाकिस्तान ने कार्यान्वयन को मजबूती से दिखाया है, लेकिन अर्थव्यवस्था अभी भी बड़े रिस्क में है और पिछड़ने से बचने के लिए लगातार अनुशासन की जरूरत है।

आईएमएफ ने कहा, “नीतिगत प्राथमिकताएं और व्यापक आर्थिक स्थिरता बनाए रखने और सार्वजनिक वित्त को मजबूत करने, प्रतिस्पर्धा और उत्पादकता बढ़ाने, सामाजिक सुरक्षा और मानवीय पूंजी को मजबूत करने, एसओई में सुधार करने और सामाजिक सेवा का प्रावधान और ऊर्जा क्षेत्र में सुधार करने पर केंद्रित हैं।”

आईएमएफ ने सरकारी कंपनियों और ऊर्जा क्षेत्रों को लेकर काफी लंबे समय से अपनी चिंताओं को जाहिर किया है। ऐसे में हालिया रिपोर्ट में एक बार फिर से इसका जिक्र करना यह दर्शाता है कि आईएमएफ पुराने नुकसान, कमियों और पैसे की बर्बादी को लेकर अभी भी सतर्क है।

अपनी स्टाफ रिपोर्ट में, आईएमएफ ने इस बात पर जोर दिया कि कार्यक्रम की निगरानी स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान, वित्त मंत्रालय और दूसरी एजेंसियों सहित पाकिस्तानी अधिकारियों की विस्तृत और लगातार रिपोर्टिंग पर निर्भर करती है।

आईएमएफ ने पाकिस्तान के भारी कर्ज के बोझ और बाहरी फंडिंग पर निर्भरता की ओर भी ध्यान दिलाया। पाकिस्तान पर सार्वजनिक कर्ज 307 करोड़ डॉलर से ज्यादा है। आईएमएफ ने कहा, “राजकोषीय प्रदर्शन मजबूत रहा है, वित्तीय वर्ष 2025 में जीडीपी का 1.3 फीसदी का प्राइमरी सरप्लस हासिल हुआ। यह टारगेट के मुताबिक है, लेकिन महंगाई बढ़ी है, जिसका असर खाने की कीमतों पर दिखता है। आम जनता की जेब पर दबाव बहुत ज्यादा बना हुआ है।”

आईएमएफ ने रिपोर्ट में यह भी कहा, “लगातार मजबूत पॉलिसी लागू करने से पाकिस्तान को इस साल कई झटकों से निपटने में मदद मिली है, लेकिन हाल की बाढ़ ने वित्तीय वर्ष 2026 के आउटलुक को थोड़ा कम कर दिया है।” इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने बार-बार आने वाली प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए तैयारी बढ़ाने की सलाह भी दी है।

—आईएएनएस

केके/एएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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