आईएलओ रिपोर्ट : महिला और पुरुष के बीच वेतन असमानता में पाकिस्तान सबसे खराब देशों में शामिल

आईएलओ रिपोर्ट : महिला और पुरुष के बीच वेतन असमानता में पाकिस्तान सबसे खराब देशों में शामिल

आईएलओ रिपोर्ट : महिला और पुरुष के बीच वेतन असमानता में पाकिस्तान सबसे खराब देशों में शामिल

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IANS
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ILO ranks Pakistan among worst countries in gender pay gap

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 18 अगस्त (आईएएनएस)। पाकिस्तान में महिला और पुरुषों की कमाई में भारी फर्क है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की नई रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण एशिया के देशों में यह स्थिति सबसे खराब मानी गई है।

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रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान में महिलाएं औसतन अपने पुरुष सहकर्मियों से 34 प्रतिशत कम कमाती हैं। यह वेतन अंतर वैश्विक औसत से काफी ज्यादा है और भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों से भी बदतर है।

एक तरफ जहां कुछ देशों ने इस खाई को कम करने की दिशा में थोड़ी-बहुत प्रगति की है, वहीं पाकिस्तान में हालात जस के तस हैं। सामाजिक परंपराएं, आर्थिक ढाँचा और संस्थागत कारक इस भेदभाव को और मजबूत करते हैं।

ज्यादातर पाकिस्तानी महिलाएं खेतों में मजदूरी और घरों में कामकाज जैसे कम तनख्वाह वाले अनौपचारिक कामों में लगी रहती हैं। यहां उन्हें न तो कानूनी सुरक्षा मिलती है और न ही पक्के रोजगार और लाभ की सुविधा।

आईएलओ की रिपोर्ट इस बात पर प्रकाश डालती है कि औपचारिक क्षेत्रों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, वित्त और उद्योगों में भी महिलाएं पुरुषों से कम ही वेतन पाती हैं। ऊंचे पदों तक पहुंचने में तो अंतर और ज्यादा बढ़ जाता है। इसे ही ग्लास सीलिंग कहा जाता है। इसका असर पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है क्योंकि आधी आबादी की क्षमता का पूरा उपयोग नहीं हो पाता।

इस असमानता की जड़ें केवल अर्थव्यवस्था में नहीं, बल्कि गहरी सांस्कृतिक और सामाजिक सोच में भी छिपी हैं। समाज में अब भी यह मान्यता है कि घर और बच्चों की जिम्मेदारी महिलाओं की है, जिससे वे पूरा समय नौकरी नहीं कर पातीं। ग्रामीण और परंपरागत इलाकों में सुरक्षा और आवाजाही की दिक्कतें भी उनके रोजगार के रास्ते रोकती हैं।

शिक्षा व्यवस्था भी महिलाओं को आधुनिक और बेहतर तनख्वाह वाली नौकरियों के लिए तैयार नहीं कर पाती। इसके अलावा, सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में भर्ती और प्रमोशन के दौरान पूर्वाग्रह महिलाओं के खिलाफ ही काम करते हैं।

आईएलओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने पिछले कुछ वर्षों में कुछ लैंगिक-संवेदनशील नीतियाँ लागू की हैं, जिनमें मातृत्व अवकाश प्रावधान, उत्पीड़न-विरोधी कानून और सार्वजनिक क्षेत्र के रोजगार में महिलाओं के लिए कोटा शामिल हैं। हालांकि इनका सही से पालन नहीं होता। ऊपर से अधिकांश महिलाएं असंगठित क्षेत्र में काम करती हैं, जहाँ ये नियम लागू ही नहीं हो पाते।

रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया के देशों में लिंग असमानता एक आम समस्या है, लेकिन पाकिस्तान की स्थिति सबसे खराब है। यह देश वैश्विक लैंगिक समानता सूचकांकों में लगातार निचले पायदान पर है। विश्व आर्थिक मंच की 2025 की वैश्विक लैंगिक अंतर रिपोर्ट में भी पाकिस्तान को 156 देशों में 151वां स्थान मिला है। यानी महिलाओं की आर्थिक भागीदारी और अवसरों के मामले में यह लगभग सबसे नीचे है।

--आईएएनएस

एएस/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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