अहमदाबाद, 28 मई (आईएएनएस)। अहमदाबाद ग्रामीण विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने बावला तालुका स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर गुजरात के बावला शहर में एक गेस्ट हाउस में चल रहे अवैध गर्भपात रैकेट का पर्दाफाश किया।
यह छापेमारी एसओजी कर्मियों को नियमित गश्त के दौरान मिली गुप्त सूचना के आधार पर की गई। सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए अधिकारियों ने पनामा गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 105 पर छापा मारा, जहां कथित तौर पर बिना लाइसेंस के चिकित्सा प्रक्रियाएं की जा रही थीं।
मुख्य आरोपी की पहचान धोलका निवासी हेमलता दर्जी के रूप में हुई है, जो बिना किसी वैध मेडिकल डिग्री के गर्भपात कराती पाई गई। अधिकारियों के अनुसार, हेमलता ने केवल नर्सिंग कोर्स पूरा किया था और इससे पहले वह धोलका के संतोकबा अस्पताल में काम करती थी।
अपने उस अनुभव का उपयोग करते हुए, उसने गर्भपात किया और गर्भपात कराने वाली गर्भवती महिलाओं से भारी रकम वसूली। टीम ने बताया कि वह इन प्रक्रियाओं को गुप्त रूप से करने के लिए गेस्ट हाउस में कमरे किराए पर लेती थी। छापे के दौरान, उस स्थान पर तीन महिलाएं पाई गईं, जिनमें से एक ने हाल ही में गर्भपात करवाया था।
परिसर से एक भ्रूण भी बरामद किया गया। स्वास्थ्य अधिकारियों ने गर्भपात प्रक्रियाओं के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले चिकित्सा उपकरण जब्त कर लिए।
भारतीय न्याय संहिता और मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) अधिनियम, 1971 की संबंधित धाराओं के तहत बावला पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। घटनास्थल पर मौजूद तीन महिलाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।
वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रहे अपंजीकृत चिकित्सकों की पहचान करने और उन पर मुकदमा चलाने के बड़े अभियान का हिस्सा है। एक अधिकारी ने कहा कि ऐसे अवैध कृत्य न केवल महिलाओं के जीवन को खतरे में डालते हैं, बल्कि कानून का गंभीर उल्लंघन भी हैं।
गुजरात में अवैध गर्भपात के मामले चिंता का विषय बन गए हैं। एक अन्य मामले में, सूरत की 23 वर्षीय ट्यूशन टीचर को अपने 13 वर्षीय छात्र का कथित तौर पर अपहरण करने और उसका यौन उत्पीड़न करने के आरोप में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद पता चला कि वह 20 सप्ताह की गर्भवती थी।
--आईएएनएस
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