आईआईसीए नॉर्थईस्ट में अपना पहला 100-करोड़ रुपए का रिजनल कैंपस करेगा सेटअप

आईआईसीए नॉर्थईस्ट में अपना पहला 100-करोड़ रुपए का रिजनल कैंपस करेगा सेटअप

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IANS
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IICA to establish first Rs 100-crore regional campus in northeast

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 3 जून (आईएएनएस)। नॉर्थईस्ट में कॉर्पोरेट गवर्नेंस एक्सीलेंस और सस्टेनेबल डेवलपमेंट को आगे बढ़ाने के लिए, भारतीय कॉर्पोरेट मामलों के संस्थान (आईआईसीए) ने मंगलवार को इस क्षेत्र में अपना पहला रिजनल कैंपस स्थापित करने की घोषणा की।

कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत आईआईसीए ने अपने पहले रिजनल कैंपस के लिए मेघालय के न्यू शिलॉन्ग टाउनशिप में औपचारिक रूप से पांच एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया।

पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री की विकास पहल (पीएम-डिवाइन) के तहत 100.95 करोड़ रुपए के निवेश से समर्थित, शिलॉन्ग कैंपस प्रमुख क्षेत्रों में विशेष ट्रेंनिंग, रिसर्च, पॉलिसी एडवाइजरी के लिए एक रिजनल हब के रूप में काम करेगा।

मेघालय सरकार के मुख्य सचिव डोनाल्ड फिलिप्स वाहलांग ने नॉलेज-लेड ग्रोथ के लिए राज्य की प्रतिबद्धता व्यक्त की और नॉलेज सिटी क्लस्टर के भीतर आईआईसीए कैंपस के रणनीतिक स्थान पर प्रकाश डाला।

इस क्षेत्र में पहले से ही आईआईएम शिलॉन्ग, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी मेघालय और एनआईएफटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि शिलॉन्ग में जल्द ही एक नया हवाई अड्डा विकसित किया जाएगा, जो क्षेत्रीय संपर्क को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा और पूरे भारत के पेशेवरों, शिक्षकों और छात्रों के लिए कैंपस तक पहुंच को आसान बनाएगा।

कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, यह इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पूर्वोत्तर में एक प्रमुख शैक्षणिक और नीति केंद्र के रूप में शिलॉन्ग की उभरती स्थिति को और मजबूत करेगा।

आईआईसीए के महानिदेशक और सीईओ ज्ञानेश्वर कुमार सिंह ने इस क्षण को ऐतिहासिक बताया और शिलॉन्ग कैंपस को दिल्ली के बाहर विकेंद्रीकरण और सशक्तीकरण का प्रतीक बताया।

उन्होंने उद्यमिता, क्षमता निर्माण और सुशासन को बढ़ावा देने में नए कैंपस की भूमिका पर जोर दिया, जो कि ईज-ऑफ डूइंग बिजनेस, आत्मनिर्भर भारत और 2047 में विकसित भारत जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप है।

राइजिंग नॉर्थईस्ट पहल के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन का जिक्र करते हुए, सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने लगातार पूर्वोत्तर को भारत की अष्टलक्ष्मी के रूप में प्रचारित किया है, जो विविधता, प्रतिभा और क्षमता से समृद्ध क्षेत्र है।

कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय की सचिव दीप्ति गौर मुखर्जी ने कहा कि यह साझेदारी विकास इंजन के रूप में पूर्वोत्तर को सशक्त बनाने के केंद्र के विजन को दर्शाती है।

--आईएएनएस

एसकेटी/जीकेटी

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