अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 : इस वर्ष की थीम 'सर्वे संतु निरामया' के दर्शन में निहित

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 : इस वर्ष की थीम 'सर्वे संतु निरामया' के दर्शन में निहित

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 : इस वर्ष की थीम 'सर्वे संतु निरामया' के दर्शन में निहित

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IANS
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IDY2025: Yoga vital for mental health, cuts down stress, say Ministers

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 21 जून (आईएएनएस)। 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर शनिवार को केंद्रीय मंत्रियों ने कहा कि शारीरिक स्वास्थ्य के लिए इसके लाभों के अलावा, योग मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है और तनाव कम करने में मदद करता है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस हर वर्ष 21 जून को विश्व स्तर पर मनाया जाता है। इसे सबसे पहले 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रस्तावित किया था और संयुक्त राष्ट्र द्वारा तुरंत अपनाया गया था, जिसमें 177 देशों ने इसका समर्थन किया।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरीदाबाद स्थित अरुण जेटली राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान (एजेएनआईएफएम) में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में भाग लिया।

उन्होंने इस वर्ष की थीम एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग पर जोर दिया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, यह थीम मानव और स्वास्थ्य के बीच संबंध को उजागर करती है और सामूहिक कल्याण की वैश्विक दृष्टि को प्रतिध्वनित करता है, जो भारत के सर्वे संतु निरामया (सभी रोग मुक्त हों) के दर्शन में निहित है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, योग हमारे शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक तीनों आयामों को संतुलन व स्वास्थ्य प्रदान कर सुखी और श्रेष्ठ जीवन सुनिश्चित करता है।

उन्होंने 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर नई दिल्ली स्थित कर्तव्य पथ पर योगप्रेमियों के साथ योगाभ्यास किया और सभी को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

केंद्रीय मंत्री नड्डा ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा प्राप्त हुई, जिसका परिणाम है कि बीते 10 वर्षों में दुनियाभर में लोग योग के प्रति सजग हुए और आज योग को अपने दैनिक जीवन में अपना रहे हैं।

अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री नड्डा ने कहा, योग का अर्थ जोड़ होता है। यह शरीर, मन, आत्मा और मस्तिष्क का जोड़ है।

उन्होंने आगे कहा कि ये शारीरिक और मानसिक क्रिया के साथ आत्मा को परमात्मा से जोड़ता है। योग स्वं को पहचानने की अभिव्यक्ति है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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