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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
सना, 23 नवंबर (आईएएनएस)। यमन की राजधानी सना में हूती संचालित कोर्ट ने यमन के 18 सहायता कर्मचारियों को मौत की सजा सुनाई है। संयुक्त राष्ट्र की मानवीय एजेंसियों में काम करने वाले इन कर्मचारियों को इजरायल के लिए जासूसी करने का दोषी पाया गया।
कोर्ट के फैसले में कहा गया कि दोषियों को सना में सार्वजनिक जगह पर फायरिंग स्क्वाड में सजा दी जाएगी। कोर्ट ने एक महिला समेत दो और लोगों को इसी मामले में 10 साल की जेल की सजा सुनाई है।
स्थानीय समयानुसार शनिवार को हूती संचालित अल-मसीरा टीवी पर कोर्ट के फैसले के बारे में बताया गया कि कोर्ट ने 18 लोगों को हूती नेताओं की मूवमेंट के अलावा पॉलिटिकल, मिलिट्री और सिक्योरिटी मामलों से जुड़े सीक्रेट्स इजराइल, अमेरिका, ब्रिटेन और सऊदी अरब को देने का दोषी ठहराया। उन्हें मिसाइलों की जानकारी, लॉन्च साइट और स्टोरेज की जानकारी लीक करने का भी दोषी बताया गया।
सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने कहा कि दोषियों ने इस काम के लिए कई नागरिकों को भर्ती किया, सीसीटीवी कैमरे लगाए और बदले में पैसे लिए। इस वजह से कई नागरिक इलाकों पर सैन्य हमले किए गए। इन हमलों में दर्जनों लोग मारे गए और इमारतों और ढांचों का भी नुकसान पहुंचा।
इससे पहले अगस्त में, इजरायल ने ताबड़तोड़ एयरस्ट्राइक किए। इजरायल ने हूती की ओर से लॉन्च किए गए मिसाइल और ड्रोन हमलों के जवाब में ये एयरस्ट्राइक किए थे। इजरायल के हमले में दर्जनों हूती अधिकारी मारे गए थे। मरने वालों में 12 मंत्री और हूती मिलिट्री फोर्स के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद अब्दुलकरीम अल-गमारी शामिल थे।
इसके जवाब में हूतियों ने संयुक्त राष्ट्र सहायता एजेंसी के कई दफ्तरों को निशाना बनाया और दर्जनों यमनी सहायता कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया था। शनिवार को इन्हें मौत की सजा सुनाई गई।
दरअसल अक्टूबर 2023 से हूतियों ने गाजा में फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए इजराइल पर मिसाइल और ड्रोन हमले शुरू कर दिए थे, जिसका इजराइल ने मुंहतोड़ जवाब दिया था।
पिछले हफ्ते अल-मसीरा टीवी ने एक फुटेज दिखाई थी जिसमें यमन के कर्मचारी अपना जुर्म कबूल करते दिख रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने हूती की कड़ी निंदा की। गुटेरेस ने सभी यमनी सहायता कर्मचारियों को तुरंत और बिना शर्त रिहा करने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि यमन में मानवीय राहत में रुकावट डालने से लाखों लोगों को भुखमरी का खतरा है।
--आईएएनएस
केके/वीसी
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