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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
नई दिल्ली, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शनिवार को कहा कि सरकार प्रत्येक एमबीबीएस स्टूडेंट पर 30-35 लाख रुपए खर्च करती है। उन्होंने नए डॉक्टरों से समाज के लिए काम करने की अपील की।
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के 21वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने पिछले एक दशक में भारत के हेल्थकेयर और मेडिकल शिक्षा क्षेत्र में हुई बड़ी प्रगति पर जोर दिया।
नड्डा ने कहा, “सरकार हर एमबीबीएस छात्र पर 30–35 लाख रुपए खर्च करती है।” उन्होंने पास होने वाले छात्रों से पढ़ाई और शोध में सक्रिय योगदान देने और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभाने की अपील की।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “पिछली सदी के अंत में देश में सिर्फ एक एम्स था, जबकि आज पूरे भारत में 23 एम्स संस्थान हैं। यह हर क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और मेडिकल ट्रेनिंग देने की सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता को दिखाता है।”
उन्होंने बताया कि पिछले 11 वर्षों में देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 से बढ़कर 819 हो गई है।
इसी तरह, अंडरग्रेजुएट मेडिकल सीटें 51,000 से बढ़कर 1,19,000 हो गई हैं और पोस्टग्रेजुएट सीटें 31,000 से बढ़कर 80,000 हो गई हैं।
नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर 2029 तक अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट दोनों स्तरों पर 75,000 अतिरिक्त सीटें जोड़ी जाएंगी, जिनमें से 23,000 से ज्यादा सीटें एक साल के भीतर ही जोड़ दी गई हैं।
उन्होंने बताया कि इस समय देश में 1.82 लाख से ज्यादा आयुष्मान आरोग्य मंदिर काम कर रहे हैं, जो लोगों को व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि आयुष्मान भारत–पीएमजेएवाय योजना के तहत 62 करोड़ से ज्यादा लोगों को, यानी देश की आबादी के 40 प्रतिशत से अधिक लोगों को, 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जा रहा है। यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है।
केंद्रीय मंत्री ने पास होने वाले छात्रों को बधाई दी और भारत में मेडिकल शिक्षा और मरीजों की देखभाल को आगे बढ़ाने में केजीएमयू के योगदान की सराहना की।
उन्होंने कहा, “केजीएमयू को 2025 की एनआईआरएफ रैंकिंग में 8वां स्थान मिला है, और यहां के 12 शिक्षकों को स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने दुनिया के शीर्ष 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों में शामिल किया है, जो एक बड़ी उपलब्धि है।”
मंत्री ने छात्रों को जीवन भर सीखते रहने, नए विचार अपनाने, मेडिकल साइंस को आगे बढ़ाने और करुणा के साथ समाज की सेवा करने के लिए प्रेरित किया।
--आईएएनएस
एएमटी/डीएससी
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