गुजरात की पालक माता-पिता योजना बनी बनासकांठा में अनाथ बच्चों के लिए संजीवनी

गुजरात की पालक माता-पिता योजना बनी बनासकांठा में अनाथ बच्चों के लिए संजीवनी

गुजरात की पालक माता-पिता योजना बनी बनासकांठा में अनाथ बच्चों के लिए संजीवनी

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IANS
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Gujarat's Foster Parent Scheme provides lifeline to orphaned children in Banaskantha

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

गांधीनगर, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। गुजरात सरकार की पालक माता-पिता योजना (फोस्टर पैरेंट स्कीम) बनासकांठा जिले में अनाथ और बेसहारा बच्चों के लिए एक मजबूत सहारा बनकर उभरी है। इस योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी बच्चा देखभाल, सुरक्षा और पारिवारिक वातावरण से वंचित न रहे।

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वर्ष 2009-10 में राज्यभर में शुरू की गई इस योजना के तहत उन बच्चों को सहायता दी जाती है, जिन्होंने एक या दोनों माता-पिता को खो दिया हो और जिनका कोई अभिभावक न हो। योजना के अंतर्गत ऐसे बच्चों की देखभाल करने वाले निकट संबंधियों या पालक अभिभावकों को 18 वर्ष की आयु तक प्रति माह 3,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

यह सहायता बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और दैनिक जरूरतों को पूरा करने में मदद करती है, ताकि वे संस्थागत देखभाल के बजाय पारिवारिक माहौल में सुरक्षित रूप से बड़े हो सकें।

इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन में बनासकांठा जिला राज्य में अग्रणी बनकर सामने आया है। अब तक जिले में 2,818 लाभार्थियों को योजना का लाभ मिल चुका है। वर्तमान में 1,727 बच्चों को हर महीने कुल 51.81 लाख रुपये की सहायता दी जा रही है, जिससे इन बच्चों की जिम्मेदारी उठाने वाले परिवारों को आर्थिक स्थिरता मिल रही है।

पालक अभिभावकों का कहना है कि इस योजना ने बच्चों की देखभाल करने की उनकी क्षमता को काफी मजबूत किया है। आर्थिक सहायता से न केवल वित्तीय बोझ कम हुआ है, बल्कि बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य सेवाओं में भी कोई बाधा नहीं आई है।

जिले के सामाजिक सुरक्षा अधिकारी हितेश पटेल ने बताया कि मजबूत जनसंपर्क और प्रभावी क्रियान्वयन के कारण योजना जरूरतमंद परिवारों तक पहुंच सकी है। उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि हर पात्र बच्चे की पहचान हो और उसे सहायता मिले, ताकि माता-पिता की मृत्यु के कारण कोई बच्चा पीछे न रह जाए।”

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में संचालित यह योजना इस बात का प्रतीक है कि राज्य उन बच्चों के साथ खड़ा है, जिनका कोई सहारा नहीं है। पालक माता-पिता योजना आज गुजरात में कमजोर और वंचित बच्चों के लिए सामाजिक सुरक्षा का एक मजबूत स्तंभ बन चुकी है, जो उन्हें केवल आर्थिक सहायता ही नहीं बल्कि एक सुरक्षित, स्वस्थ और आशावान भविष्य भी प्रदान कर रही है।

--आईएएनएस

डीएससी

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