गुजरात में 2017 से करदाताओं की संख्या में 145 प्रतिशत की वृद्धि हुई

गुजरात में 2017 से करदाताओं की संख्या में 145 प्रतिशत की वृद्धि हुई

गुजरात में 2017 से करदाताओं की संख्या में 145 प्रतिशत की वृद्धि हुई

author-image
IANS
New Update
Gujarat records 145 pc surge in taxpayers base since 2017

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

अहमदाबाद, 8 जुलाई (आईएएनएस)। गुजरात सरकार के अनुसार, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद से आठ वर्षों में करदाताओं की संख्या में 145 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

सरकार के बताया कि 2017 में जहां 5.15 लाख से अधिक करदाता थे, वहीं अब वित्तीय वर्ष 2024-25 तक राज्य में 12.66 लाख पंजीकृत करदाता हो गए हैं।

जीएसटी लागू होने के बाद से गुजरात कर अनुपालन, राजस्व वृद्धि और डिजिटल एकीकरण के मामले में भारत के शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों में से एक के रूप में उभरा है।

वैल्यू एडेड टैक्स (वैट), केंद्रीय सेल्स टैक्स (सीएसटी), चुंगी और प्रवेश कर के जटिल जाल में उलझी राज्य की कर प्रणाली में एक राष्ट्र, एक कर व्यवस्था के तहत जीएसटी लागू होने से बड़ा परिवर्तन आया है, जिससे न केवल अनुपालन सरल हुआ है, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिला है।

2024-25 में गुजरात की करदाता वृद्धि दर 6.38 प्रतिशत रही है जो राष्ट्रीय औसत 3.86 प्रतिशत से काफी अधिक है, जो राज्य के गतिशील कारोबारी माहौल और व्यापार के बढ़ते औपचारिकीकरण को दर्शाती है।

गुजरात का जीएसटी राजस्व 2024-25 में बढ़कर 1,36,748 करोड़ रुपए हो गया है, जो पिछले साल के मुकाबले 11,579 करोड़ रुपए अधिक है। राज्य देश के घरेलू जीएसटी पूल में 8.2 प्रतिशत का योगदान देता है, जिससे यह देश में शीर्ष तीन जीएसटी योगदान देने वाले राज्यों में शामिल हो गया है।

इसके अतिरिक्त, गुजरात का स्टेट जीएसटी (एसजीएसटी) और इंटीग्रेटेड जीएसटी (आईजीएसटी) से राजस्व 73,200 करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष से 8,752 करोड़ रुपए अधिक है।

गुजरात ने एसजीएसटी और आईजीएसटी संग्रह में 13.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो राष्ट्रीय औसत 10.31 प्रतिशत से अधिक है।

राज्य ने जीएसटीआर-3बी के लिए 88.9 प्रतिशत अनुपालन और जीएसटीआर-1 के लिए 85.5 प्रतिशत अनुपालन हासिल किया है।

गुजरात जीएसटी केपीआई पर भी 71.69 अंकों के साथ राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे स्थान पर रहा। गुजरात से फिलहाल महाराष्ट्र ही आगे है।

जीएसटी की सुव्यवस्थित कर संरचना ने लाखों व्यापारियों और उद्योगों के लिए व्यापार को सरल बनाया है और टैक्स के बोझ को कम कर पारदर्शिता बढ़ाई है।

--आईएएनएस

एबीएस/

Advertisment

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
Advertisment