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गिलियन-बैरे सिंड्रोम : सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए सहायता हेतु केंद्र ने 7 सदस्यीय टीम पुणे भेजी
(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
नई दिल्ली, 27 जनवरी (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के पुणे में गिलियन बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के बढ़ते मामलों के बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने सोमवार को राज्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप और प्रबंधन का समर्थन करने के लिए सात सदस्यीय टीम तैनात की।
पुणे में अब तक जीबीएस के 111 मामले सामने आए हैं।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबितकर ने सोमवार को कहा कि जीबीएस से पीड़ित 17 रोगियों को वेंटिलेटर पर रखा गया है।
केंद्र की उच्च स्तरीय टीम में बहु-विषयक विशेषज्ञ शामिल हैं। इसका उद्देश्य जीबीएस के संदिग्ध और पुष्ट मामलों में वृद्धि को देखते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप और प्रबंधन स्थापित करने में राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों का समर्थन करना है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि महाराष्ट्र के लिए केंद्रीय टीम में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) दिल्ली, निमहंस बेंगलुरु, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के क्षेत्रीय कार्यालय और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी), पुणे से लिए गए सात विशेषज्ञ शामिल हैं।
यह एनआईवी, पुणे के तीन विशेषज्ञों के अतिरिक्त है, जो पहले से ही स्थानीय अधिकारियों का समर्थन कर रहे थे। यह टीम जमीनी स्थिति का जायजा लेने और आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप की सिफारिश करने के लिए राज्य स्वास्थ्य विभागों के साथ मिलकर काम करेगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थिति की निगरानी और राज्य के साथ समन्वय करके सक्रिय कदम उठाने की जानकारी दी।
इस बीच, राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सलाह दी कि सामान्य सावधानियां बरतकर जीबीएस को कुछ हद तक रोका जा सकता है, जैसे कि उबला हुआ पानी/बोतलबंद पानी पीना, खाने से पहले फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोना, मुर्गी और मांस को ठीक से पकाना, कच्चे या अधपके भोजन, विशेष रूप से सलाद, अंडे, कबाब या समुद्री भोजन से परहेज करना।
--आईएएनएस
पीएसके/एबीएम
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.