जीएसटी में बदलाव से प्रक्रियाएं होंगी सरल, मध्यम वर्ग और गरीबों का बोझ होगा कम : संजीव सान्याल

जीएसटी में बदलाव से प्रक्रियाएं होंगी सरल, मध्यम वर्ग और गरीबों का बोझ होगा कम : संजीव सान्याल

जीएसटी में बदलाव से प्रक्रियाएं होंगी सरल, मध्यम वर्ग और गरीबों का बोझ होगा कम : संजीव सान्याल

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IANS
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GST rejig to simplify processes, ease burden on middle class and the poor: Sanjeev Sanyal

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 4 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी) के सदस्य संजीव सान्याल ने गुरुवार को कहा कि नई जीएसटी 2.0 व्यवस्था न केवल व्यवसायों का बोझ कम करते हुए प्रक्रियाओं को सरल बनाएगी, बल्कि रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की लागत के मामले में मध्यम वर्ग और गरीबों को सशक्त भी बनाएगी।

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राष्ट्रीय राजधानी में न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जीएसटी में किए गए बदलाव हमारी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।

प्रमुख अर्थशास्त्री ने कहा, इसे पिछली प्रणाली की तुलना में बहुत सरल बनाया गया है। अब केवल दो प्रमुख स्लैब हैं और इसके अलावा एक स्लैब सिन गुड्स के लिए है। परिणामस्वरूप, यह जीएसटी प्रणाली को अधिक कुशल बनाएगा।

उन्होंने आगे कहा कि अधिकांश दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर अब बहुत कम कर दरें हैं, जो दुनिया में सबसे कम दरों में से एक हैं।

नए जीएसटी स्लैब में कई वस्तुओं को सस्ता कर दिया गया है जैसे सीमेंट, जो अब 28 प्रतिशत से 18 प्रतिशत स्लैब में है और कई खाद्य पदार्थ, जिन्हें अब 12 और 18 प्रतिशत स्लैब से 5 प्रतिशत स्लैब या शून्य स्लैब में डाल दिया गया है।

सान्याल ने कहा कि एक और बड़ा बदलाव यह हुआ है कि कई प्रक्रियागत सुधार हुए हैं।

उन्होंने आईएएनएस को बताया, एक नई प्रणाली बनाई गई है, जहां हमारा अनुमान है कि लगभग 96-97 प्रतिशत जीएसटी पंजीकरण अब तीन दिनों में स्वचालित रूप से हो जाएंगे। यह कुछ ऐसा होगा जो चीजों को सरल बनाएगा, और फिर रिफंड प्राप्त करने आदि के संदर्भ में अन्य प्रक्रियाएं भी हैं। इसलिए, विचार इसे बहुत सरल, हल्का बनाने का था और उम्मीद है कि उद्योगों पर बोझ कम होगा।

उन्होंने आगे कहा कि स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी हटाने से पॉलिसीधारकों को मदद मिलेगी।

अर्थशास्त्री ने कहा, भारत में स्वास्थ्य बीमा की पहुंच बहुत अधिक नहीं है और इसे कैसे बेहतर बनाया जाए, इस पर विचार-विमर्श हुआ है। यह औसत परिवार के लिए इसे खरीदना कुछ हद तक सस्ता बनाने की दिशा में एक और कदम है, लेकिन निश्चित रूप से, स्वास्थ्य बीमा में कई अन्य मुद्दे भी हैं, जिन पर हमें ध्यान देने की आवश्यकता है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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