जीएसटी परिषद ने रिन्यूएबल एनर्जी उपकरणों पर टैक्स घटाकर 5 प्रतिशत किया

जीएसटी परिषद ने रिन्यूएबल एनर्जी उपकरणों पर टैक्स घटाकर 5 प्रतिशत किया

जीएसटी परिषद ने रिन्यूएबल एनर्जी उपकरणों पर टैक्स घटाकर 5 प्रतिशत किया

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IANS
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GST Council cuts tax on renewable energy equipment to 5 pc

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 4 सितंबर (आईएएनएस)। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने रिन्यूएबल एनर्जी डिवाइस और मैन्युफैक्चरिंग पार्ट्स पर टैक्स को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है। नई दरें 22 सितंबर से प्रभावी होंगी।

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परिषद ने राज्य सरकारों के राजस्व घाटे की भरपाई के लिए कोयला और लिग्नाइट पर कर की दर को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया है।

परिषद ने लंबी अवधि के लिए रिन्यूएबल एनर्जी भंडारण के लिए ग्रिड-स्तरीय ऊर्जा भंडारण तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए लेड-एसिड, सोडियम और फ्लो बैटरी सहित गैर-लिथियम-आयन बैटरियों पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया है। वहीं, लिथियम-आयन बैटरियों पर जीएसटी की दर को 18 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, रिन्यूएबल एनर्जी डिवाइस और उनके निर्माण के लिए प्रयुक्त होने वाले पुर्जों, जैसे बायोगैस संयंत्र, पवन चक्कियों, पवन ऊर्जा से चलने वाले बिजली जनरेटर, बायोगैस संयंत्र, पीवी सेल, सौर कुकर, सौर वॉटर हीटर और सिस्टम आदि पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।

इसके अलावा, फ्यूल सेल तकनीक का उपयोग करने वाले हाइड्रोजन वाहनों, जैसे कार, बस और ट्रक, पर कर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर लगने वाले 5 प्रतिशत जीएसटी को बरकरार रखा है।

विश्लेषकों का कहना है कि सौर, पवन और बैटरी जैसी स्वच्छ ऊर्जा टेक्नोलॉजी पर जीएसटी दरों को कम करने से परियोजना लागत कम हो सकती है और रिन्यूएबल एनर्जी की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ सकती है।

जीएसटी 2.0 सुधारों में स्लैब की संख्या चार (5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत) से घटाकर दो (5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत) कर दी गई है। कम करों के कारण उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है, जिससे मांग बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था में विकास को बढ़ावा मिलेगा।

एचएसबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के बिजली क्षेत्र में जुलाई में मजबूत नीतिगत प्रोत्साहनों के कारण क्षमता में वृद्धि देखी गई, जिससे 2 गीगावाट पारंपरिक और 3.2 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता में वृद्धि हुई।

-आईएएनएस

एबीएस/

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