नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (आईएएनएस) भारत सरकार नागरिकों के लिए कई योजनाएं चला रही है। इन्हीं योजनाओं में से एक अटल पेंशन योजना है। यह योजना 18 से 40 वर्ष की उम्र के नागरिकों के लिए लाई गई है। अटल पेंशन योजना यानी एपीआई के 9 वर्ष पूरे हो चुके हैं।
योजना के दसवें वर्ष में पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) की ओर से मंगलवार को सकल पंजीकरण के आंकड़ों की जानकारी दी गई है।
पीएफआरडीए द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक,अटल पेंशन योजना से अब तक 7 करोड़ लोग जुड़ चुके हैं। इस योजना के तहत वर्ष 2024- 25 में अब तक 56 लाख से अधिक नामांकन हुए हैं।
प्राधिकरण ने कहा, यह योजना अपने 10वें वर्ष में है और इसने एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है।
अटल पेंशन योजना के तहत नागरिकों को 60 वर्ष की उम्र में पेंशन की सुविधा दी जाती है। यह भारत में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों पर केंद्रित पेंशन योजना है, जिसे पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण द्वारा रेगुलेट किया जाता है।
योजना के तहत लाभार्थी को 1,000- 5000 रुपये प्रति माह पेंशन दी जाती है। पेंशन की राशि लाभार्थी को उसके द्वारा योजना में दिए योगदान के आधार पर तय होती है।
भारत का कोई भी नागरिक इस योजना में नामांकन करवा सकता है। योजना के लिए व्यक्ति का डाकघर या बैंक में एक बचत खाता होना अनिवार्य है।
पीएफआरडीए ने कहा, समाज के सबसे कमजोर वर्गों को पेंशन के दायरे में लाने की यह उपलब्धि सभी बैंकों और एसएलबीसी/यूटीएलबीसी के अथक प्रयासों से संभव हो पाई है।
हाल के दिनों में, नियामक प्राधिकरण ने योजना के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए राज्य और जिला स्तर पर एपीवाई आउटरीच कार्यक्रम आयोजित करना, जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना, विभिन्न मीडिया चैनलों के माध्यम से प्रचार करना और नियमित निष्पादन समीक्षा करना जैसी पहल की है।
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