विस्तृत और सटीक आंकड़े नीति निर्माण में निभाएंगे महत्वपूर्ण भूमिका: सीईए वी अनंत नागेश्वरन

विस्तृत और सटीक आंकड़े नीति निर्माण में निभाएंगे महत्वपूर्ण भूमिका: सीईए वी अनंत नागेश्वरन

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IANS
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Granular data to help sustain key policy reforms: CEA Nageswaran

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 28 मई (आईएएनएस)। मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) डॉ. वी अनंत नागेश्वरन ने जोर देकर कहा कि नीतिगत सुधारों के लिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को विस्तृत और सटीक आंकड़ों की मदद से मजबूती मिलेगी।

उन्होंने डेटा की विस्तृत जानकारी बढ़ाने के लिए सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की प्रतिबद्धता की सराहना की। साथ ही उन्होंने हाल ही में जारी एएसयूएसई और कैपेक्स इंवेस्टमेंट सर्वे पर रिपोर्ट के आधार पर मैक्रोइकोनॉमिक इंडीकेटर्स के इनसाइट पर जोर दिया।

एएसयूएसई और प्राइवेट सेक्टर कैपेक्स इंवेस्टमेंट इंटेंशन सर्वे मिलकर भारत के निजी क्षेत्र में गतिविधि की यथार्थवादी तस्वीर प्रदान करने में व्यापक आधार को कवर करते हैं।

उन्होंने विस्तृत डेटा के रणनीतिक मूल्य पर जोर देते हुए कहा नीति परिवर्तन की संभावना को बढ़ाने का एक तरीका यह है कि देश से लेकर राज्यों, जिलों और ब्लॉकों तक सामाजिक और आर्थिक रुझानों पर यथासंभव विस्तृत रूप से प्रकाश डाला जाए।

हैदराबाद में इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस में ‘डेटा यूजर कॉन्फ्रेंस’ में नागेश्वरन ने विविध प्रशासनिक डेटासेट (जीएसटी, एमसीए21) को इंटीग्रेट करने और जिला-विशिष्ट इनसाइट उत्पन्न करने के लिए एआई टूल्स के इस्तेमाल को लेकर मंत्रालय के प्रयासों को स्वीकारा।

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव डॉ. सौरभ गर्ग ने ‘डेटा फॉर डेवलपमेंट’ के मूल दृष्टिकोण पर जोर दिया।

उन्होंने भारत और संभवतः दुनिया में सबसे बड़े प्राथमिक डेटा संग्रहकर्ता के रूप में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की भूमिका का उल्लेख किया।

उन्होंने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) की मासिक रिलीज, कैपेक्स इंवेस्टमेंट इंटेंशन सर्वे और एनुअल सर्वे ऑन सर्विस सेक्टर एंटरप्राइज (एएसएसएसई) जैसे इनोवेशन पर भी प्रकाश डाला।

एक प्रमुख फोकस एक नए और बेहतर सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय पोर्टल के माध्यम से डेटा प्रसार को मजबूत करने पर है, जिसमें बेहतर पहुंच, एपीआई, विज़ुअलाइजेशन और यूजर-फ्रेंडली माइक्रोडेटा टूल शामिल होंगे।

संबोधन में अनुसंधान संस्थानों के साथ चल रहे सहयोग, एक एक्टिव इंटर्नशिप प्रोग्राम और डीडीपी और औद्योगिक प्रदर्शन सूचकांकों जैसे आर्थिक गतिविधि पर अधिक विस्तृत, जिला-स्तरीय डेटा के माध्यम से राज्य-स्तरीय सांख्यिकी को बढ़ाने के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला गया।

--आईएएनएस

एसकेटी/केआर

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