वस्त्र उद्योग के लिए खुलेंगे नए अवसर, निर्यात को 2030 तक 100 अरब पहुंचाना प्राथमिकता : गिरिराज सिंह

वस्त्र उद्योग के लिए खुलेंगे नए अवसर, निर्यात को 2030 तक 100 अरब पहुंचाना प्राथमिकता : गिरिराज सिंह

वस्त्र उद्योग के लिए खुलेंगे नए अवसर, निर्यात को 2030 तक 100 अरब पहुंचाना प्राथमिकता : गिरिराज सिंह

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IANS
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Govt aims to achieve carbon neutrality in textiles sector by 2030: Minister

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)। सरकार की प्राथमिकता 2030 तक वस्त्र उद्योग के आकार को 350 अरब डॉलर तक पहुंचाने के साथ निर्यात को 100 अरब डॉलर तक ले जाना है। केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह की ओर से यह बयान दिया गया।

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उन्होंने कहा कि कपास महज एक फसल नहीं है, यह भारतीय कृषि की आत्मा है, किसान के पसीने, दृढ़ता और आशा का प्रतिबिंब है।

कपड़ा मंत्रालय और भारतीय कपड़ा उद्योग परिसंघ (सीआईटीआई) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए, मंत्री ने विश्व कपास दिवस पर कपास किसानों को अपनी शुभकामनाएं दीं और कहा कि कपास का प्रत्येक धागा हमारे किसानों की कहानी समेटे हुए है। यह चिलचिलाती धूप में उनकी कड़ी मेहनत, बारिश के लिए उनकी प्रार्थना और मिट्टी में उनके अटूट विश्वास की कहानी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय स्थिरता इस क्षेत्र के लिए बड़ी चुनौतियां हैं।

उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन हो रहा है और हमें पानी और बिजली का विवेकपूर्ण उपयोग करना चाहिए। साथ ही प्रकृति की रक्षा के लिए मिलकर काम करना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, भारत के मुख्यतः वर्षा-आधारित कपास क्षेत्रों की रक्षा के लिए और यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसानों की कड़ी मेहनत आने वाली पीढ़ियों के लिए समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करे, जल का कुशल उपयोग, मृदा संरक्षण और नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने आगे कहा कि यह परिवर्तन तभी संभव है जब किसानों से लेकर कपड़ा निर्यातकों तक, उद्योग का हर पक्षकार एक परिवार की तरह काम करे।

हालांकि, भारत में विश्व के कुल कपास बुआई क्षेत्र का 40 प्रतिशत हिस्सा है, फिर भी उत्पादकता लगभग 450 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है, जो कई अन्य देशों के 2,000 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से काफी कम है।

सरकार कपास उत्पादकता मिशन को लेकर सक्रिय रूप से काम कर रही है। इसका उद्देश्य इस अंतर को पाटना है।

केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, पिछले एक दशक में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में हुई वृद्धि ने किसानों के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाया है।

--आईएएनएस

एबीएस/

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