नई दिल्ली, 11 जुलाई (आईएएनएस)। इंटरनेशनल मार्केट्स में गोल्ड की कीमतें कंसोलिडेशन फेस में है, लेकिन यह समय सोने को भविष्य की तेजी के लिए तैयार कर रहा है। यह जानकारी शुक्रवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।
एमके वेल्थ मैनेजमेंट ने अपनी ताजा नेविगेटर रिपोर्ट में कहा कि बाजार वर्तमान में दो कारकों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिसमें पहला अमेरिकी ब्याज दर की दिशा और दूसरा अन्य प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर में अनुमानित गिरावट है।
रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिकी खुदरा कीमतों पर टैरिफ के संभावित प्रभाव को लेकर अनिश्चितता के बीच, फेड द्वारा ब्याज दरों में बदलाव को स्थगित रखने के कारण सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव के प्रमुख कारकों में से एक गायब हो गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों और अपेक्षाकृत कम मुद्रास्फीति के आंकड़ों को देखते हुए, फेड द्वारा इस कैलेंडर वर्ष के अंत से पहले एक या दो दरों में कटौती लागू करने की संभावना अधिक है।
एमके की रिपोर्ट में कहा गया है, डॉलर सूचकांक 97.00 पर है और यह पिछले छह महीनों में लगभग 10 प्रतिशत की गिर गया है।
वेल्थ मैनेजमेंट फर्म ने कहा कि आधिकारिक दरों में कटौती और मार्केट यील्ड में गिरावट के कारण डॉलर में और गिरावट की आवश्यकता है।
इस बीच, स्थिर डॉलर और मजबूत अमेरिकी बॉन्ड यील्ड ने पिछले दो हफ्तों में कीमती धातुओं की कीमतों पर दबाव डाला है।
रिपोर्ट में कहा गया है, सोने का तकनीकी सपोर्ट क्रमशः 3,297 अमेरिकी डॉलर और 3,248 अमेरिकी डॉलर पर है।
इस वर्ष की शुरुआत में चीन से सोने की मांग को अकसर सोने की ऊंची कीमतों को बढ़ावा देने वाले कारक के रूप में माना जाता रहा था। हालांकि, अप्रैल के अंत और मई की शुरुआत में चीन द्वारा कथित बिकवाली के बाद, यह कारक व्यापक परिदृश्य में अप्रासंगिक हो गया है।
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