ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट : विदेश मंत्री एस जयशंकर 'तकनीकी नीति वार्ता' की शुरुआत करेंगे

ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट : विदेश मंत्री एस जयशंकर 'तकनीकी नीति वार्ता' की शुरुआत करेंगे

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IANS
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Global Technology Summit: S Jaishankar set to kick-start tech policy talks

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट (जीटीएस) को संबोधित करेंगे। यह भू-प्रौद्योगिकी पर भारत का प्रमुख संवाद है, जिसमें यह पता लगाया जाएगा कि उभरती हुई टेक्नोलॉजी समावेशी विकास को बढ़ावा देने, डिजिटल शासन को मजबूत करने और सीमा पार साझेदारी को गहरा करने में किस तरह महत्वपूर्ण हो सकती है।

जीटीएस का 9वां संस्करण 10-12 अप्रैल को राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित किया जा रहा है और इस वर्ष का विषय संभावना है।

विदेश मंत्रालय और प्रमुख थिंक टैंक कार्नेगी इंडिया द्वारा सह-आयोजित जीटीएस - 2025 में 40 से अधिक सार्वजनिक सत्र होंगे, जिनमें मुख्य भाषण, मंत्रिस्तरीय बातचीत, विशेषज्ञ पैनल और रणनीतिक बातचीत शामिल हैं।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, समिट का उद्घाटन सत्र भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के संबोधन से शुरू होगा।

शिखर सम्मेलन का उद्देश्य इनोवेशन, लचीलापन और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए ग्लोबल टेक्नोलॉजी पॉलिसी वार्तालापों को आकार देना है।

तीन दिनों के दौरान, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, जापान, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, ब्राजील, यूएई, नाइजीरिया, फिलीपींस और यूरोपीय संघ सहित 40 से अधिक देशों के 150 से अधिक वक्ता गुरुवार को दुनिया के सामने सबसे अधिक दबाव वाली तकनीकी चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा में शामिल होंगे।

सत्रों में एआई गवर्नेंस, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और डेटा सुरक्षा से लेकर साइबर सुरक्षा और ग्लोबल साउथ में उभरते तकनीकी सहयोग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी।

इस वर्ष, जीटीएस 2025 नेक्स्ट जनरेशन की आवाज को भी आगे ले जाएगा।

मंत्रालय के अनुसार, जीटीएस यंग एंबेसडर कार्यक्रम के माध्यम से, देशभर के छात्र और युवा पेशेवर, डिजिटल फ्यूचर, रिस्पॉन्सिबल एआई और वैश्विक तकनीकी मानदंडों पर नीतिगत बातचीत में सीधे योगदान देंगे।

वर्ल्ड क्लास डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के बाद, डिजिटल इंडिया ने 2047 तक विकसित भारत बनने के लक्ष्य की ओर ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था और डिजिटल रूप से सशक्त समाज की नींव रखी है।

पिछले 10 वर्षों में, सरकार ने डिजिटल क्रांति लाकर नागरिकों को डिजिटल रूप से काम करने के लिए प्रेरित किया है, जिसका 1.4 बिलियन लोगों पर प्रभाव पड़ा है।

--आईएएनएस

एसकेटी/एबीएम

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