भारत का कम्पोजिट पीएमआई दिसंबर में 58.9 रहा, निर्यात ऑर्डर तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचे

भारत का कम्पोजिट पीएमआई दिसंबर में 58.9 रहा, निर्यात ऑर्डर तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचे

भारत का कम्पोजिट पीएमआई दिसंबर में 58.9 रहा, निर्यात ऑर्डर तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचे

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IANS
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Global demand boosts India as export orders hit 3-month high: HSBC Flash PMI

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत का कम्पोजिट पीएमआई दिसंबर में 58.9 रहा है, जो दिखाता है कि देश में व्यापारिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई है। यह जानकारी दिसंबर के एचएसबीसी फ्लैश इंडिया पीएमआई डेटा में मंगलवार को दी गई।

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जब भी पीएमआई 50 से ऊपर होता है, तो यह वृद्धि को दिखाता है। वहीं, 50 से इसके कम होने पर आर्थिक गतिविधियों में गिरावट मानी जाती है। नवंबर में कम्पोजिट पीएमआई 59.7 पर था।

भारत के पीएमआई डेटा में मजबूती की वजह घरेलू अर्थव्यवस्था का मजबूत होना और निर्यात में उछाल है, जिससे देश को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनने में मदद मिल रही है।

कम्पोजिट पीएमआई के घटक मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज सेक्टर होते हैं। इस कारण यह देश की अर्थव्यवस्था में समग्र आर्थिक गतिविधियों के मुख्य सूचकांक में से एक होता है।

दिसंबर में कंपनियों ने बताया कि मांग की परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं और नए ऑर्डर्स में तेजी से विस्तार हुआ है। हालांकि, ग्रोथ की रफ्तार पहले से कम हुई है।

दिसंबर के कम्पोजिट पीएमआई डेटा की खास बात यह है कि कुल नए ऑर्डर्स की रफ्तार में नरमी आई है, लेकिन दिसंबर में निर्यात ऑर्डर्स में तेजी से इजाफा हुआ है और यह तीन महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं।

कंपनियों ने ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, कनाडा, जर्मनी, मध्य पूर्व, श्रीलंका, ब्रिटेन और अमेरिका सहित कई वैश्विक बाजारों से नई मांग की सूचना दी, जो भारतीय व्यवसायों की बढ़ती वैश्विक उपस्थिति को दर्शाती है।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में आउटपुट और नए ऑर्डर्स तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन रफ्तार नवंबर के मुकाबले कम हुई है।

कुछ नरमी के बावजूद, यह आंकड़े मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की स्थितियों में ठोस सुधार का संकेत देते हैं और दीर्घकालिक औसत से ऊपर बने रहे।

रोजगार के रुझान निजी क्षेत्र में स्थिरता दर्शाते हैं। कंपनियों ने अपने मौजूदा कर्मचारियों की संख्या को काफी हद तक बनाए रखा, जिससे पता चलता है कि मौजूदा कर्मचारी आने वाले ऑर्डरों को संभालने के लिए पर्याप्त हैं।

मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की संख्या में मामूली वृद्धि की, जबकि सेवा क्षेत्र में रोजगार लगभग स्थिर रहा।

लगातार तीसरे महीने भी लंबित कार्यों की संख्या स्थिर बनी रही, जिससे पता चलता है कि कंपनियां कार्यभार को अच्छी तरह से संभाल रही हैं।

--आईएएनएस

एबीएस/

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