हैजा की चपेट में इस साल 31 देश, डब्ल्यूएचओ बोला 'लगातार बढ़ रहा प्रकोप'

हैजा की चपेट में इस साल 31 देश, डब्ल्यूएचओ बोला 'लगातार बढ़ रहा प्रकोप'

हैजा की चपेट में इस साल 31 देश, डब्ल्यूएचओ बोला 'लगातार बढ़ रहा प्रकोप'

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IANS
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Global cholera crisis continues: 31 countries reported outbreaks in 2025, says WHO

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 13 सितंबर (आईएएनएस)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की शनिवार को जारी एक नई रिपोर्ट के अनुसार, हैजा पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी समस्या बना हुआ है। 2025 में 31 देश इसका प्रकोप झेल रहे हैं।

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रिपोर्ट में बताया गया है कि इलाज उपलब्ध होने के बावजूद, 2023 की तुलना में 2024 में इस बीमारी से होने वाली मौतों में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। लगातार दूसरे वर्ष, इस बीमारी से 6000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई, जबकि इसके मामलों में 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ये आंकड़े चिंताजनक तो हैं, लेकिन हैजा के वास्तविक बोझ को कम करके आंकते हैं।

हैजा विब्रियो कोलेरा नामक जीवाणु से होने वाला एक रोग है, जो मल-दूषित पानी के माध्यम से तेजी से फैलता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में कहा गया है, संघर्ष, जलवायु परिवर्तन, जनसंख्या विस्थापन और पानी, स्वच्छता और स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे में कमी हैजा के मामलों को बढ़ाती हैं।

2023 के मुकाबले 2024 में मामले बढ़े। 2024 में 60 देशों में हैजा के मामले रिपोर्ट हुए जिनकी 2023 में दर 45 थी।

अफ्रीका, मध्य पूर्व और एशिया इस बीमारी का वैश्विक बोझ उठाते रहे और कुल दर्ज मामलों में से 98 प्रतिशत इन्हीं देशों में दर्ज किए गए।

रिपोर्ट में कहा गया है, 2024 में हैजा के प्रकोप का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है, 12 देशों में से प्रत्येक में 10,000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं, जिनमें से सात देशों में इस साल पहली बार बड़े पैमाने पर प्रकोप बढ़ा।

इसमें आगे कहा गया, हैजा से निपटने के लिए, सरकारों, दानदाताओं और समुदायों को यह सुनिश्चित करना होगा कि लोगों को सुरक्षित पानी और स्वच्छता सुविधाएं उपलब्ध हों, उन्हें अपनी सुरक्षा के बारे में सटीक जानकारी हो, और प्रकोप होने पर उपचार और टीकाकरण तक उनकी त्वरित पहुंच हो। मजबूत निगरानी और निदान इन प्रतिक्रियाओं को दिशा देने में मदद करेंगे। टीका उत्पादन में और निवेश की भी आवश्यकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2024 की शुरुआत में ही हैजा के नए ओरल टीके यूविचोल-एस को अपनी पूर्व-योग्यता सूची में शामिल किया था।

ऐसा करने से 2025 के पहले 6 महीनों के लिए औसत भंडार स्तर को 50 लाख खुराकों की आपातकालीन सीमा से ऊपर बनाए रखने में मदद मिली।

हालांकि, ओसीवी की निरंतर उच्च मांग के कारण, दो-खुराक से एकल-खुराक व्यवस्था में अस्थायी परिवर्तन हुआ।

2024 में वैश्विक भंडार में 6.1 करोड़ ओसीवी खुराकों का अनुरोध किया गया, और 16 देशों में, एकल-खुराक अभियानों में आपातकालीन उपयोग के लिए रिकॉर्ड 4 करोड़ खुराकों को मंजूरी दी गई। हालांकि, डब्ल्यूएचओ ने कहा कि 2024 और 2025 में आपूर्ति की कमी मांग से अधिक बनी रही।

--आईएएनएस

केआर/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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