भारत में जनवरी-जून में वैश्विक क्षमता केंद्रों में 30.8 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्ज : रिपोर्ट

भारत में जनवरी-जून में वैश्विक क्षमता केंद्रों में 30.8 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्ज : रिपोर्ट

भारत में जनवरी-जून में वैश्विक क्षमता केंद्रों में 30.8 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्ज : रिपोर्ट

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IANS
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Global capability centres (GCCs) show remarkable 30.8 pc growth in India

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मुंबई, 7 जुलाई (आईएएनएस)। वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) ने इस वर्ष जनवरी-जून अवधि में भारत में सालाना आधार पर 30.8 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्ज की है, जो 13.85 मिलियन वर्ग फुट तक पहुंच गई है। यह जानकारी सोमवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।

जेएलएल की रिपोर्ट के अनुसार, जीसीसी भारत के ऑफिस मार्केट में पहली छमाही की तुलना में सबसे आगे बने हुए हैं और किसी भी पिछले कैलेंडर वर्ष की तुलना में जनवरी-जून 2025 में अधिक स्थान लीज पर दिए हैं।

यह पिछले साल की गति का अनुसरण करता है, जब जीसीसी एक्टिविटी लेवल के हिसाब से सबसे बड़ा ऑक्यूपायर ग्रुप था।

बीएफएसआई और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में जीसीसी सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले रहे हैं, जो पहली छमाही में लीजिंग वॉल्यूम में संचयी 55.6 प्रतिशत हिस्सेदारी रखते हैं।

बेंगलुरु जीसीसी के लिए गेटवे शहर बना हुआ है, जो 2025 की पहली छमाही में मांग का 41 प्रतिशत से अधिक हिस्सा रहा।

समग्र आधार पर, टेक ने पहली छमाही में 30.3 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ कुल लीजिंग वॉल्यूम में बढ़त हासिल की, इसके बाद फ्लेक्स ने 17.0 प्रतिशत, बीएफएसआई ने 16.2 प्रतिशत और मैन्युफैक्चरिंग ने 15 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की।

दूसरी तिमाही के लिए, टेक ने 30.8 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ पूर्ण लीजिंग शर्तों में अग्रणी स्थान हासिल किया। इसके बाद मैन्युफैक्चरिंग, बीएफएसआई और फ्लेक्स का स्थान रहा।

रिपोर्ट में बताया गया है कि इस तिमाही में कंसल्टिंग फर्म प्रमुख मूवर्स रहीं, जिन्होंने 2025 की दूसरी तिमाही में सबसे अधिक तिमाही स्पेस टेक-अप किया।

कुल मिलाकर, भारत का ऑफिस मार्केट महत्वपूर्ण वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और बाधाओं के बावजूद मजबूत गति का प्रदर्शन करना जारी रखता है, जिसमें ग्रॉस लीजिंग संख्या 2025 की पहली छमाही में 39.45 मिलियन वर्ग फीट के नए उच्च स्तर पर पहुंच गई, जो सालाना आधार पर 17.6 प्रतिशत अधिक है।

जेएलएल भारत के मुख्य अर्थशास्त्री और अनुसंधान तथा आरईआईएस प्रमुख, डॉ. सामंतक दास ने कहा, तिमाही लेनदेन में 61.5 प्रतिशत योगदान देने वाले ग्लोबल ऑक्यूपायर्स द्वारा संचालित यह असाधारण प्रदर्शन, बाजार को अभूतपूर्व 80 मिलियन वर्ग फीट वार्षिक पार करने की दिशा में ले जाता है।

दास ने बताया कि पिछले वर्ष के दौरान टॉप 7 शहरों ने लगातार प्रति तिमाही लगभग 21 मिलियन वर्ग फीट की सप्लाई की है, जिससे भारत ने बहुराष्ट्रीय निगमों की वैश्विक रणनीतियों में एक मिशन-महत्वपूर्ण गंतव्य के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत किया है।

यह ध्यान देने योग्य है कि भारत के ऑफिस मार्केट ने वर्कस्पेस कॉन्ट्रैक्शन के वैश्विक रुझानों को उलट दिया है।

पहली छमाही में नेट अब्सोर्प्शन 23.9 मिलियन वर्ग फीट पर पहुंच गया, जो कि सभी पिछली छमाहियों की तुलना में अब तक का सबसे अधिक था।

अंतरराष्ट्रीय आर्थिक चुनौतियों के बावजूद जीसीसी, तकनीकी पुनरुद्धार और मजबूत बीएफएसआई मांग द्वारा संचालित भारतीय ऑफिस सेक्टर ने अपनी वृद्धि जारी रखी है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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