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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
गाजा, 16 नवंबर (आईएएनएस)। गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच दो साल के युद्ध के बाद यहां के हालात को दैनिक जनजीवन के लिए फिर से सामान्य करना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। इसके लिए कई स्वयंसेवकों ने एक व्यापक अभियान शुरू किया है। वे बारिश के मौसम की चुनौतियों का सामना करते हुए, क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे को बहाल करने और सड़कों पर जमा मलबे को हटाने के लिए गाजा शहर की स्वच्छता में जुटे हैं।
गाजा नगर निगम ने यह अभियान चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्री एंड एग्रीकल्चर और फिलिस्तीनी एनजीओ नेटवर्क के साथ मिलकर शुरू किया है। नगर निगम का कहना है कि इस अभियान का उद्देश्य लोगों में उम्मीद जगाना और उन्हें शहर के पुनर्निर्माण में जोड़ना है।
नगर निगम के जनसम्पर्क अधिकारी होस्नी मुहन्ना ने सिन्हुआ को बताया कि इस पहल के जरिए कचरा और मलबा हटाया जा रहा है, सड़कों के किनारे पौधे लगाए जा रहे हैं और युद्ध से उजड़े शहर को फिर से सुंदर बनाने की कोशिश की जा रही है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार गाजा शहर के महापौर याह्या अल-सराज ने बताया है कि इस अभियान का मकसद यह दिखाना है कि फिलिस्तीनी अपनी भूमि पर डटे रहेंगे और इजरायल दमन उन्हें तोड़ नहीं सकता। उन्होंने कहा कि युवाओं, पुरुषों, बच्चों और बुजुर्गों को एक साथ काम करते देखकर दुनिया को संदेश जाता है कि गाजा फिर से जीवन पा सकता है।
फिलिस्तीनी सामाजिक संस्थाओं के प्रमुख अमजद अल-शावा ने कहा कि यह अभियान एक बड़े लक्ष्य की शुरुआत है। युद्ध में गाजा पट्टी पर जमा हुए लगभग छह करोड़ टन मलबे को हटाना, ताकि गाजा को पहले से अधिक अच्छा बनाया जा सके।
वाणिज्य मंडल के प्रमुख आयद अबू रमज़ान ने कहा कि पिछले दो वर्षों में गाजा ने बहुत विनाश झेला है, लेकिन यह भी साबित किया है कि वह फिर से खड़ा हो सकता है।
गाजा शहर के तीस वर्षीय स्वयंसेवक इब्राहीम हसन ने बताया कि वह इसलिए भाग ले रहे हैं क्योंकि उन्हें विश्वास है कि गाजा को जीवन केवल उसके लोग ही लौटा सकते हैं। उन्होंने कहा कि चाहे कितनी पीढ़ियां क्यों न लग जाए, गाजा को फिर बसाना ही होगा।
एक अन्य स्वयंसेवक, हनान अबैद ने सड़क से कचरा हटाते हुए कहा कि इस अभियान में भाग लेकर उन्हें गर्व महसूस होता है और यह हर नागरिक का दायित्व है कि शहर को जल्द से जल्द जीवन की ओर लौटाया जाए।
यह अभियान ऐसे समय चल रहा है जब गाजा पट्टी गंभीर मानवीय संकट से गुजर रही है। जगह-जगह जमा कचरे के कारण स्वास्थ्य और पर्यावरण संकट का खतरा बढ़ गया है। नगर पालिकाओं के संगठन के उपप्रमुख अलाअ अल-बत्ता ने बताया कि लगभग सात लाख टन कचरा अस्थायी ढेरों में जमा है, जिसे ईंधन और उपकरणों की कमी के कारण हटाया नहीं जा पा रहा है।
--आईएएनएस
एएस/
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