मुंबई, 11 जुलाई (आईएएनएस)। अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी ने शुक्रवार को कहा कि पीठ के निचले हिस्से का दर्द एक राष्ट्रीय संकट है, जो देश की उत्पादकता को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने उद्यमियों से भारत का पहला एआई-पावर्ड स्पाइनल डायग्नोस्टिक प्लेटफॉर्म बनाने का आग्रह किया।
मुंबई में सोसाइटी फॉर मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी-एशिया पैसिफिक (एसएमआईएसएस-एपी) के 5वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए अदाणी समूह के अध्यक्ष ने देश में विकलांगता का एक प्रमुख कारण बनते जा रहे पीठ के निचले हिस्से के दर्द पर आश्चर्य व्यक्त किया और बताया कि यह कैसे राष्ट्र के सपनों को नष्ट कर सकता है।
गौतम अदाणी ने उपस्थित लोगों से कहा, मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि पीठ के निचले हिस्से का दर्द अब भारत में विकलांगता का एक प्रमुख कारण बन गया है। भारत स्पाइनल एपिडेमिक से जूझ रहा है, एक मूक संकट जो वैश्विक औसत से कहीं अधिक व्यापक है। लगभग 2 में से 1 वयस्क भारतीय हर वर्ष पीठ के निचले हिस्से में दर्द का अनुभव करता है।
उन्होंने आगे कहा, यह केवल एक स्वास्थ्य समस्या नहीं है। यह एक राष्ट्रीय संकट है जो न केवल दर्द से मापा जाता है बल्कि उत्पादकता में कमी, स्वास्थ्य सेवा की बढ़ती लागत और टूटे हुए सपनों से भी मापा जाता है।
अरबपति उद्योगपति अदाणी ने रीढ़ की हड्डी को ठीक करने के लिए एंत्रोपिनोरियल इमेजिनेशन यानि उद्यमों को विकसित करने पर विचार करने को कहा। उन्होंने उद्यमियों से एआई-बेस्ड और कम लागत वाले उपचार विकसित करने का आह्वान किया, जो देश की जरूरतों को पूरा कर सकें।
अदाणी समूह के अध्यक्ष ने कहा, मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप में से कोई एक भारत का पहला एआई-पावर्ड स्पाइनल डायग्नोस्टिक प्लेटफॉर्म बनाए, जो विकलांगता से बहुत पहले ही विकृति का पता लगा ले।
गौतम अदाणी ने आगे कहा, आज आप जिस रीढ़ की हड्डी को बचाते हैं, वह उस इंजीनियर की हो सकती है, जो भविष्य के पुलों का डिजाइन तैयार करेगा, उस किसान की हो सकती है, जो हमें भोजन देता है, उस वैज्ञानिक की हो सकती है, जो हमारी अगली वैक्सीन का आविष्कार करेगा, या उस उद्यमी की हो सकती है जो हमारी अगली अरबों डॉलर की कंपनी बनाएगा।
उद्योगपति ने उद्यमियों से ग्रामीण सर्जरी की नई कल्पना करने और कम लागत वाले उच्च प्रभाव वाले मोबाइल ऑपरेटिंग थिएटर बनाने का आग्रह किया, जो गांवों में आशा की किरण जगाएं।
इसके अलावा, अदाणी समूह के अध्यक्ष ने एक ऐसे स्पाइनल अस्पताल की शुरुआत करने का आह्वान किया, जो रोबोटिक सर्जरी और अगली पीढ़ी के बायो-इंटीग्रेटेड इम्प्लांट्स का ग्लोबल सेंटर बन सके।
गौतम अदाणी ने देश में स्वास्थ्य सेवा की गति को बनाए रखने के लिए अपनी कंपनी के समर्थन का भी वादा किया।
उन्होंने कहा, अदाणी समूह आपके साथ चलने के लिए तैयार है और हम अपनी यात्रा शुरू कर चुके हैं। तीन साल पहले, मेरे 60वें जन्मदिन पर, मेरे परिवार ने स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कौशल विकास के लिए 60,000 करोड़ रुपए देने का संकल्प लिया था।
गौतम अदाणी ने कहा कि अदाणी समूह एक ऐसी प्रणाली का निर्माण करेगा जो विज्ञान के साथ विकसित हो, बदलती जरूरतों के अनुरूप प्रतिक्रिया दे और केंद्र में मानव की भूमिका को नजरअंदाज किए बिना एआई की पूरी शक्ति का उपयोग करे।
उन्होंने कहा, यह दृष्टिकोण एक व्यापक, बहु-विषयक मॉडल होगा जो पारंपरिक सीमाओं को तोड़ेगा और क्लिनिक केयर, शैक्षणिक प्रशिक्षण और रिसर्च को एक साथ संचालित करने में मदद करेगा।
गौतम अदाणी ने आगे कहा, हम मॉड्यूलर, स्केलेबल इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश कर रहे हैं, जिसका महामारी या आपात स्थिति में तेजी से विस्तार हो सके। हम बड़े, विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवा संस्थानों के निर्माण में योगदान दे रहे हैं जो इनोवेशन, रोगी देखभाल और व्यावहारिक शिक्षा को एक ही छत के नीचे लाएं।
अदाणी समूह के अध्यक्ष ने रोबोटिक्स, एआई, सिस्टम थिंकिंग और स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन में कौशल वाले डॉक्टरों को बढ़ावा देने और उनकी शिक्षा में शरीर रचना विज्ञान से परे सहानुभूति, नैतिकता और उद्यमशीलता को शामिल करने के महत्व पर भी ध्यान दिलाया।
उन्होंने कहा, हम भविष्य के लिए भारत की स्वास्थ्य सेवा और एक ऐसी प्रणाली का निर्माण करने के लिए यहां हैं, जो इंटीग्रेटेड, इंटेलिजेंट, समावेशी और प्रेरित हो। हम अदाणी हेल्थकेयर टेंपल - 1,000-बेड वाले इंटीग्रेटेड कैंपस के माध्यम से इस वादे को पूरा करेंगे, जिनकी शुरुआत हम अहमदाबाद और मुंबई से करेंगे।
उन्होंने जोर देकर कहा, इन्हें विश्वस्तरीय, किफायती, एआई-फर्स्ट हेल्थकेयर इकोसिस्टम के रूप में डिजाइन किया गया है और हमें मेयो क्लिनिक द्वारा मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर और रिसर्च में डिजाइन, कार्यान्वयन और वैश्विक मानकों पर मार्गदर्शन मिलने पर गर्व है।
--आईएएनएस
एसकेटी/
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.