केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल के खिलाफ पेड सोशल मीडिया अभियान की आलोचना की

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल के खिलाफ पेड सोशल मीडिया अभियान की आलोचना की

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल के खिलाफ पेड सोशल मीडिया अभियान की आलोचना की

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IANS
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Gadkari lashes out at ‘paid’ social media campaign against E 20 petrol

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को सरकार के एथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल कार्यक्रम के खिलाफ राजनीति से प्रेरित पेड सोशल मीडिया अभियान पर पलटवार किया।

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केंद्रीय मंत्री गडकरी ने एथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल के खिलाफ पेड सोशल मीडिया अभियान की आलोचना की।

सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के वार्षिक सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि सभी टेस्ट से यह पुष्टि हुई है कि 20 प्रतिशत एथेनॉल-मिश्रित (ई20) पेट्रोल को लेकर किसी तरह की कोई समस्या नहीं है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गन्ना, मक्का और चावल से एथेनॉल के उत्पादन से इन फसलों की कीमतों में वृद्धि हुई है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हुई है।

उन्होंने बताया कि अकेले मक्के के मामले में, इथेनॉल उत्पादन में इनपुट के रूप में मक्के के इस्तेमाल की अनुमति मिलने के बाद, इसकी बढ़ती मांग और फसल की कीमत में वृद्धि के कारण किसानों ने 45,000 करोड़ रुपए कमाए हैं।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इथेनॉल-मिश्रण से प्रदूषण में कमी आई है और यह मुद्दा जी20 सम्मेलन में भी उठा था, जिससे पता चलता है कि इस सफलता के प्रति जागरूकता दुनिया भर में फैल गई है।

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने आगे कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी ई20 ईंधन की वैधता और सुरक्षा को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है।

सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में ई20 मिश्रण के खिलाफ एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया।

याचिका में दावा किया गया था कि भारतीय सड़कों पर चलने वाले अधिकांश वाहन ई20 ईंधन के अनुकूल नहीं हैं, जिससे सामग्री के खराब होने, सुरक्षा संबंधी खतरे, माइलेज में कमी और बीमा दावों के अस्वीकार होने का खतरा बढ़ जाता है।

इस याचिका को खारिज करते हुए, सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार के रुख का समर्थन किया, जिसमें गन्ना किसानों को हुए लाभों और ई20 कार्यक्रम के परिणामस्वरूप देश के तेल आयात में कमी पर प्रकाश डाला गया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में वायु प्रदूषण सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों के बढ़ने का कारण भी वायु प्रदूषण है। ट्रांसपोर्ट सेक्टर 40 प्रतिशत वायु प्रदूषण करता है।

उन्होंने कहा कि इंजन की क्षति और वारंटी संबंधी समस्याओं को लेकर हाल की आशंकाएं झूठी साबित हुई हैं।

उन्होंने कहा, सभी परीक्षण एजेंसियों ने पुष्टि की है कि कार्यान्वयन में किसी तरह की कोई समस्या नहीं है।

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने ऑटो उद्योग से नई कारों की खरीद पर छूट देकर स्क्रैपिंग नीति का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इससे प्रदूषण में कमी आएगी और ऑटो निर्माताओं को लाभ होगा क्योंकि बिक्री बढ़ेगी।

--आईएएनएस

एसकेटी/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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