हथकरघा शॉल और वस्त्रों से लेकर कॉफी तक नागालैंड की अर्थव्यवस्था को जीएसटी सुधार से ऐसे मिलेगा बल

हथकरघा शॉल और वस्त्रों से लेकर कॉफी तक नागालैंड की अर्थव्यवस्था को जीएसटी सुधार से ऐसे मिलेगा बल

हथकरघा शॉल और वस्त्रों से लेकर कॉफी तक नागालैंड की अर्थव्यवस्था को जीएसटी सुधार से ऐसे मिलेगा बल

author-image
IANS
New Update
हथकरघा शॉल और वस्त्रों से लेकर कॉफी तक नागालैंड की अर्थव्यवस्था को जीएसटी सुधार से ऐसे मिलेगा बल

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्र द्वारा बुधवार को दी गई जानकारी के अनुसार, नागालैंड की शिल्प परंपराओं और कृषि में गहन रूप से निहित राज्य की विविधतापूर्ण अर्थव्यवस्था को हाल ही में हुए जीएसटी सुधारों से लाभ पहुंचने की उम्मीद है। ये सुधार स्थानीय उत्पादकों और उद्यमियों के लिए अफोर्डेबिलिटी, प्रतिस्पर्धा क्षमता और बाजार पहुंच को सीधे रूप से प्रभावित करते हैं।

Advertisment

हथकरघा शॉल और वस्त्रों से लेकर आतिथ्य सेवाओं, कॉफी, बांस और बेंत उत्पाद तक नागालैंड को कई रूपों में लाभ पहुंचने की उम्मीद की जा रही है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, जीआई-टैग वाले चाखेसांग शॉल सहित हथकरघा शॉल और वस्त्र, नागालैंड की शिल्पी अर्थव्यवस्था में योगदान करते हैं। हथकरघा शॉल और वस्त्रों पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने के साथ, 2,500 रूपए तक की लागत वाली वस्तुएं (पहले सीमा 1,000 रूपए थी) अब लगभग 6.25 प्रतिशत सस्ती हो जाएंगी। इससे बुनकरों की आय बढ़ेगी और महिला कारीगरों को भी समर्थन मिलेगा।

नागालैंड में टूर ऑपरेशन, होटल और होमस्टे जैसे पर्यटन क्षेत्रों को जीएसटी रेट कट का लाभ मिलेगा। आतिथ्य सेवाओं पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने के साथ, 7,500 रुपए तक की कीमत वाले होटल के कमरे लगभग 6.25 प्रतिशत सस्ते होने की उम्मीद है। इससे अफोर्डेबिलिटी के साथ-साथ राज्यव्यापी व्यापक पर्यटन विकास को बढ़ावा मिलेगा।

जीएसटी सुधारों ने नगालैंड कॉफी के लिए नए अवसरों का सृजन किया है, जिसमें भुनी हुई बीन्स पर दरें 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत और कॉफी के अर्क पर 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई हैं। वर्ष 2022-23 तक, नगालैंड में लगभग 2,200 पंजीकृत कॉफी उत्पादक थे। हाल ही में हुए जीएसटी रेट कट से कुल लागत 6.25 प्रतिशत से 11 प्रतिशत तक कम होने की उम्मीद है, जिससे नागालैंड कॉफी उत्पादकों और एमएसएमई के लिए अधिक मूल्य-प्रतिस्पर्धी और लाभदायक हो जाएगी।

इसी तरह, नागालैंड का बांस और बेंत क्षेत्र सोविमा (चुमौकेदिमा) और दीमापुर में एनबीआरसी केंद्रों में केंद्रित है, जिसमें बांस के क्लस्टर विभिन्न जिलों में फैले हुए हैं। यह क्षेत्र लगभग 13,000 लोगों को रोजगार प्रदान करता है, जिनमें कारीगरों के नेतृत्व वाले एमएसएमई, घरेलू उद्योग और ग्रामीण बढ़ई शामिल हैं।

इन उत्पादों का घरेलू बाजारों में बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया जाता है और यह फर्नीचर, हस्तशिल्प और पर्यावरण के अनुकूल सजावट की बढ़ती मांग को पूरा करते हैं। फर्नीचर और हस्तशिल्प पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने के साथ, कीमतों में 6.25 प्रतिशत की गिरावट होने की उम्मीद है, जिससे अफोर्डेबिलिटी और कारीगर आय में वृद्धि होगी।

--आईएएनएस

एसकेटी/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment