हर साल 9.6 मिलियन लोगों के जीवन में बदलाव ला रहा अदाणी फाउंडेशन : गौतम अदाणी

हर साल 9.6 मिलियन लोगों के जीवन में बदलाव ला रहा अदाणी फाउंडेशन : गौतम अदाणी

हर साल 9.6 मिलियन लोगों के जीवन में बदलाव ला रहा अदाणी फाउंडेशन : गौतम अदाणी

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IANS
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From a single lamp lit in 1996, we touch 9.6 million lives annually: Gautam Adani

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

अहमदाबाद, 10 सितंबर (आईएएनएस)। अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने बुधवार को कहा कि उन्हें अपनी पत्नी डॉ. प्रीति अदाणी के हांगकांग में एशियन वेंचर फिलान्थ्रोपी नेटवर्क (एवीपीएन) शिखर सम्मेलन में मुख्य भाषण देने पर गर्व है। साथ ही कहा कि यह ग्रुप के लाखों लोगों के जीवन को सशक्त बनाने के संकल्प को मजबूत करता है।

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अदाणी फाउंडेशन की चेयरपर्सन डॉ. प्रीति अदाणी ने अपने संबोधन में परोपकार को दान से आगे बढ़कर एक सहयोगी मिशन बनने की अपील की, जिसमें जिम्मेदारी में भी शामिल हो।

गौतम अदाणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, एवीपीएन ग्लोबल कॉन्फ्रेंस 2025 में प्रीति के मुख्य भाषण पर गर्व है। 1996 में एक दीया जलाने से लेकर हर साल 9.6 मिलियन लोगों के जीवन को छूने तक, हमारी यात्रा एक गवाही है कि अगर आप विश्वास के साथ बीज बोते हैं, बारिश की प्रतीक्षा करते हैं और आशा को पोषित करते हैं, तो प्रभाव अनिवार्य रूप से आता है।

हांगकांग शिखर सम्मेलन में, डॉ. प्रीति अदाणी ने अहमदाबाद में एक युवा दंत चिकित्सक होने से लेकर अपने पति गौतम अदाणी के राष्ट्र निर्माण के दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए अपने पेशे को छोड़ने तक की अपनी व्यक्तिगत यात्रा के बारे में बताया।

उन्होंने अपने पति गौतम अदाणी के विजन को याद किया और कहा कि विकास की सच्ची कीमत इस बात में नहीं है कि क्या बनाया गया है, बल्कि इस बात में है कि क्या बनाए रखा गया है और स्कूल, अस्पताल और आजीविका समुदायों को ऊपर उठाते हैं।

उन्होंने कहा कि इस विजन ने 1996 में अदाणी फाउंडेशन के निर्माण को आकार दिया, जो तब से यह भारत के सबसे बड़े सोशल इम्पैक्ट ऑग्नाइेशन में से एक बन गया है, जिसने परोपकार के लिए 7 अरब डॉलर की प्रतिबद्धता जताई है।

फाउंडेशन अब शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण, सतत आजीविका, सामुदायिक बुनियादी ढांचे और जलवायु क्षेत्र में काम करता है, जो 7,000 गांवों और 9.6 मिलियन से अधिक लोगों तक पहुंचता है।

हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि फाउंडेशन की सफलता का सच्चा माप आंकड़ों में नहीं है, बल्कि उनके पीछे की कहानियों में है ।

उन्होंने बताया कि वास्तविक परिवर्तन दान के बयाज सह-निर्माताओं बनने में निहित है और यह सुनिश्चित करने में है कि हर योगदान सरकारों, व्यवसायों और समुदायों के साथ एक बड़े साझेदारी का हिस्सा हो।

--आईएएनएस

एबीएस/

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