एफपीआई निवेश में सुधार, भारतीय बाजारों का लंबी अवधि के लिए नजरिया मजबूत: रिपोर्ट

एफपीआई निवेश में सुधार, भारतीय बाजारों का लंबी अवधि के लिए नजरिया मजबूत: रिपोर्ट

एफपीआई निवेश में सुधार, भारतीय बाजारों का लंबी अवधि के लिए नजरिया मजबूत: रिपोर्ट

author-image
IANS
New Update
FPI inflows bouncing back, long-term outlook for Indian markets robust

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मुंबई, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय घरेलू शेयर बाजारों में विदेशी निवेशकों का निवेश फिर से बढ़ रहा है और बाजार का लंबी अवधि के लिए नजरिया मजबूत है। शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

Advertisment

एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट के मुताबिक, रुपए में कमजोरी के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) घरेलू बाजार से दूर रह सकते हैं और मुद्रा के स्थिर होने के बाद ही उनके लौटने की उम्मीद है, जो अगले एक-दो महीनों के बाद ही संभव है।

हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार, यह एक अस्थायी उतार-चढ़ाव है और दीर्घकालिक दृष्टिकोण के लिए घरेलू निवेशकों का प्रवाह मजबूत रहेगा।

कम ब्याज दरें और डेट म्यूचुअल फंड्स पर टैक्स लाभ का हटना, निवेशकों के लिए फिक्स्ड इनकम को आकर्षक नहीं बनाता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जब तक बाजार में कोई गहरा और व्यापक सुधार नहीं आता (जो हमारे विचार से असंभव है), हम घरेलू निवेशकों से शेयर बाजार में लगातार और स्थिर निवेश की उम्मीद करते हैं।

पिछले 12 महीनों में भारतीय निवेशकों ने बाजार में अपनी बचत का हिस्सा नौ साल बाद 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर लिया है (मार्च 2016 से सितंबर 2024 तक)। हालांकि, इस बदलाव को बाजार के उतार-चढ़ाव ने प्रभावित किया।

रिपोर्ट में कहा गया है, हम इसे अस्थायी समस्या मानते हैं और अगले 10 साल में इसे 45 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है। इस बदलाव से भारत के बाजारों की स्थिरता पर असर पड़ेगा, क्योंकि घरेलू निवेशक अब अधिक हिस्सेदारी रखते हैं और वे एफपीआई की बिक्री से होने वाली अस्थिरता से बाजार को बचाते हैं।

एफपीआई और घरेलू निवेशकों के निवेश पर अध्ययन से पता चला कि एफपीआई ज्यादातर बड़े शेयरों में निवेश कर रहे हैं, खासकर वित्तीय सेक्टर में।

साथ ही, रिपोर्ट ने यह भी बताया कि घरेलू बचत में सोने की हिस्सेदारी पिछले 12 महीनों में 855 बीपीएस बढ़कर 45.6 प्रतिशत हो गई है, जिसका मुख्य कारण मासिक बढ़ोतरी है।

रिपोर्ट में कहा गया है, हमें इसका कोई बड़ा प्रभाव नहीं दिखता, क्योंकि आंकड़े यह नहीं बताते कि इस परिणामस्वरूप उपभोग में कोई बड़ा बदलाव होगा। सोने की कीमतों और शेयर बाजार के निवेश प्रवाह के बीच कोई ऐतिहासिक संबंध नहीं है।

--आईएएनएस

डीबीपी/वीसी

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment