26 साल बाद बांग्लादेश लौटेंगे खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान, भारत को इससे कितना फायदा?

26 साल बाद बांग्लादेश लौटेंगे खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान, भारत को इससे कितना फायदा?

26 साल बाद बांग्लादेश लौटेंगे खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान, भारत को इससे कितना फायदा?

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IANS
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For BNP and Tarique Rahman, India now appears better bet than failed Pakistan

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यवाहक अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान 26 साल बाद अपने देश लौट रहे हैं। 58 वर्षीय रहमान ने कहा है कि वह जल्द ही बांग्लादेश लौटेंगे और चुनाव लड़ेंगे।

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तारिक रहमान पिछले 26 साल से लंदन में रह रहे हैं। माना जा रहा है कि अगर बीएनपी चुनाव जीतती है तो वह बांग्लादेश के प्रधानमंत्री बनेंगे। दरअसल, अवामी लीग पार्टी के चुनाव लड़ने पर रोक है, ऐसे में बीएनपी की जीत की अटकलें लगाई जा रही हैं।

दूसरी ओर अंतरिम सरकार के कार्यवाहक अध्यक्ष मुहम्मद यूनुस ने कहा है कि चुनाव अगले साल फरवरी तक होंगे। बांग्लादेश में हो रहे इन सभी घटनाक्रमों पर भारत कड़ी नजर बनाए हुए है।

जब 2001 से 2006 के बीच बीएनपी सत्ता में थी, तब सीमा सुरक्षा के मुद्दों और भारत विरोधी आतंकवादी समूहों को पनाह देने के आरोपों को लेकर भारत के साथ उसके संबंध तनावपूर्ण थे। चटगांव के सीयूएफएल जेटी पर दस ट्रक हथियार मिलने के बाद भारत ने 2004 में इस मामले पर चिंता जताई थी।

भारत ने कहा था कि ये हथियार पूर्वोत्तर में सक्रिय अलगाववादी समूहों के लिए थे। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद बांग्लादेश के साथ संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं।

हालांकि, अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि स्थिति चाहे जो भी हो, ढाका के साथ बातचीत जारी रहनी चाहिए और दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाना होगा।

उम्मीद की जा रही है कि तारिक रहमान भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध को सुधारने की तरफ काम करेंगे। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि वह उन लोगों के बारे में जरूर सोचेंगे जो देश में व्याप्त अनिश्चितता और हिंसा से तंग आ चुके हैं। बांग्लादेश में इस समय जो हालात हैं, उसे देखते हुए भारत के लिए बीएनपी के साथ बातचीत करना एक अच्छा विकल्प होगा।

शेख हसीना के निष्कासन के बाद से बीएनपी नेता और भारतीय अधिकारियों के बीच अलग-अलग स्तरों पर बैठकें हुई हैं। पिछले सितंबर में, बीएनपी महासचिव फखरुल इस्लाम आलमगीर और भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी।

हालांकि बीएनपी के भीतर कई लोगों ने शेख हसीना के सत्ता में रहते हुए भारत और बांग्लादेश के संबंधों को लेकर चिंताएं व्यक्त की थीं। हालांकि जो हालात हैं, उसमें भारत अब भी एक ज्यादा विश्वसनीय साझेदार है।

--आईएएनएस

केके/वीसी

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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