विजयवाड़ा, 4 सितंबर (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के बाढ़ प्रभावित हिस्से बुधवार को चौथे दिन भी जलमग्न रहे। अधिकारियों ने बचाव और राहत अभियान जारी रखा है।
प्रकाशम बैराज में जलस्तर लगातार घट रहा है, जिससे निचले इलाकों के गांवों में बाढ़ का खतरा टल गया है, लेकिन शहर के जलमग्न इलाकों में लोगों की परेशानी खत्म नहीं हुई है।
भारी बारिश और बुडामेरू नदी में जलस्तर बढ़ने से दर्जनों कॉलोनियां जलमग्न हो गईं। हालांकि, नदी में बाढ़ की तीव्रता कम हो गई है, लेकिन बाढ़ग्रस्त इलाकों से पानी बाहर नहीं निकल रहा है।
बाढ़ से विजयवाड़ा में 2 लाख 70 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। हजारों लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। अधिकारी हेलीकॉप्टर और ड्रोन के जरिए भोजन और अन्य राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं। बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोगों को भोजन और पीने के पानी के पैकेट पहुंचाने के लिए नावों और वाहनों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
अधिकारियों ने कहा कि बाढ़ के कारण अब तक राज्य में 20 लोगों की मौत हो चुकी है। एनटीआर जिले में 12 मौतें हुईं और गुंटूर जिले में सात लोगों की मौत हुई। पालनाडु जिले से एक मौत की सूचना मिली है। भारी बारिश और बाढ़ से 6 लाख 44 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। 42,000 से अधिक लोगों को 193 राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।
सिर्फ एनटीआर जिले में भारी बारिश और बाढ़ से 2 लाख 76 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों ने 77 राहत शिविर लगाए हैं और 14,160 लोगों को स्थानांतरित किया है। अधिकारियों ने बताया कि कृष्णा जिले में 2 लाख 37 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। 9,000 से अधिक लोगों को 37 राहत शिविर में स्थानांतरित किया गया।
बाढ़ प्रभावित जिलों में बचाव और राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ की 26 टीम, एसडीआरएफ की 22 टीम और नौसेना की दो टीम तैनात की गई है। विजयवाड़ा में कुल 21 एनडीआरएफ टीम, 12 एसडीआरएफ टीम और दो नौसेना टीम तैनात है।
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, भारतीय वायु सेना के चार और नौसेना के दो हेलीकॉप्टर खाद्य सामग्री पहुंचा रहे हैं और बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे लोगों को एयरलिफ्ट कर रहे हैं।
हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल बाढ़ग्रस्त इलाकों से 21 लोगों को एयरलिफ्ट करने और खाना, पानी, दूध और मेडिकल किट जैसी आवश्यक सामग्री पहुंचाने के लिए किया गया। बाढ़ग्रस्त इलाकों से लोगों को निकालने के लिए कुल 228 नावों (174 मोटर चालित और 54 गैर-मोटर चालित) की व्यवस्था की गई थी।
बचाव कार्य में नावों के साथ-साथ 315 सक्रिय तैराक लगे हुए थे। मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू बचाव और राहत कार्यों की निगरानी के लिए अभी भी विजयवाड़ा में डेरा डाले हुए हैं। मंत्री कोल्लू रविंद्र और विजयवाड़ा के सांसद केसनेनी चिन्नी ने बुधवार सुबह भोजन और पीने के पानी के पैकेट के वितरण का निरीक्षण किया।
इस बीच, विजयवाड़ा में कृष्णा नदी पर प्रकाशम बैराज में पानी का प्रवाह घट गया है। अधिकारियों ने चेतावनी स्तर को दो से घटाकर एक कर दिया है। बैराज पर पानी का प्रवाह घटकर 4.34 लाख क्यूसेक रह गया है, जिससे नीचे के गांवों पर बाढ़ का खतरा टल गया है।
--आईएएनएस
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