वित्तीय अनुशासन से भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी, बैंक क्रेडिट में भी उछाल : रिपोर्ट

वित्तीय अनुशासन से भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी, बैंक क्रेडिट में भी उछाल : रिपोर्ट

वित्तीय अनुशासन से भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी, बैंक क्रेडिट में भी उछाल : रिपोर्ट

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IANS
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Financial discipline, new IPOs drive momentum in Indian realty industry

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 29 जुलाई (आईएएनएस)। भारत के रियल एस्टेट सेक्टर ने अपने वित्तीय अनुशासन में महत्वपूर्ण सुधार किया है, जिसके परिणामस्वरूप बैंकों से अधिक ऋण, क्रेडिट रेटिंग में सुधार और निवेशकों का उत्साह बढ़ा है। यह जानकारी मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।

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रियल एस्टेट मैनेजमेंट फर्म कोलियर्स इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि बेहतर परिचालन मार्जिन, लाभप्रदता मार्जिन और लीवरेज रेश्यो के कारण रियल एस्टेट कंपनियों की क्रेडिट रेटिंग में वृद्धि हुई है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि कोरोना महामारी के बाद, रियल एस्टेट सेक्टर ने वी-आकार की रिकवरी दिखाई है और इसके ऋण और वित्तीय मानकों ने अन्य प्रमुख उद्योगों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है।

वित्त वर्ष 2021 से वित्त वर्ष 2025 तक, इस सेक्टर को दिया गया बैंक लोन 17.8 लाख करोड़ रुपए से दोगुना होकर 35.4 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जो अन्य उद्योगों को दिए गए औसत बैंक लोन से 30 प्रतिशत बेहतर है।

बैंक लोन का लगभग पांचवां हिस्सा रियल एस्टेट में लगाया गया, जो ऋणदाताओं के विश्वास को दर्शाता है।

इसके अलावा, लोन की गुणवत्ता में भी महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। निर्माण उद्योग को बैंकों द्वारा दिए गए ऋणों में ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स का अनुपात मार्च 2021 के 23.5 प्रतिशत से घटकर मार्च 2025 में 3.1 प्रतिशत हो गया।

कोलियर्स इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बादल याज्ञनिक ने कहा, वित्त वर्ष 2025 के दौरान, रियल एस्टेट सेक्टर की क्रेडिट रेटिंग में अन्य आर्थिक क्षेत्रों की तुलना में अधिक सुधार हुआ, जो इसकी मजबूत वित्तीय स्थिति को दर्शाता है। रियल एस्टेट लोन की अपेक्षाकृत उच्च क्रेडिट गुणवत्ता आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक और वेयरहाउसिंग, खुदरा, आतिथ्य आदि जैसे विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में अंतर्निहित मजबूत मांग-आपूर्ति गतिशीलता द्वारा समर्थित है।

टॉप 50 लिस्टेड रियल एस्टेट कंपनियों में से लगभग 62 प्रतिशत ने वित्त वर्ष 2025 के लिए उच्च लाभप्रदता मार्जिन की सूचना दी, जो वित्त वर्ष 2021 में 23 प्रतिशत था।

रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले पांच वर्षों में डेट-टू-इक्विटी रेश्यो में भी सुधार हुआ है।

इसके परिणामस्वरूप, रियल एस्टेट सेक्टर ने क्रेडिट रेटिंग अपग्रेड की संख्या के मामले में व्यापक उद्योग से बेहतर प्रदर्शन किया।

परिणामस्वरूप, रियल एस्टेट कंपनियां तेजी से इक्विटी बाजारों की ओर रुख कर रही हैं, जो इस सेक्टर में निवेशकों के बढ़ते विश्वास का संकेत है। रियल एस्टेट सेक्टर ने वित्त वर्ष 2024 में लगभग 138 अरब रुपएय जुटाए, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग दोगुना है।

कोलियर्स इंडिया के नेशनल डायरेक्टर और रिसर्च हेड विमल नादर ने कहा, 2024 में देखी गई मजबूत गति 2025 तक जारी रही, जिसमें सात रियल एस्टेट आईपीओ ने जुलाई तक 76 अरब रुपए से अधिक जुटाए।

--आईएएनएस

एसकेटी/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
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