नई दिल्ली, 29 मई (आईएएनएस)। भारत के गैर-तकनीकी क्षेत्रों में कॉन्ट्रैक्ट वाली तकनीकी भूमिकाओं के लिए महिलाओं की भागीदारी में बड़ा बदलाव आया है।
भारत में एक विशेष स्टाफिंग फर्म, टीमलीज डिजिटल की एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में गैर-तकनीकी क्षेत्रों में तकनीकी भूमिकाओं के लिए महिलाओं का प्रतिनिधित्व मात्र 1.90 प्रतिशत था।
वहीं, समय के साथ एक धीमा लेकिन उत्साहजनक बदलाव देखने को मिला। 2023 में गैर-तकनीकी क्षेत्रों में तकनीकी भूमिकाओं के लिए महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़कर 11.8 प्रतिशत और 2024 में 14 प्रतिशत हो गया।
टीमलीज डिजिटल की सीईओ नीति शर्मा ने कहा, गैर-तकनीकी क्षेत्रों में तकनीकी भूमिकाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 2020 में 1.90 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 14 प्रतिशत हो जाना समावेशिता की ओर एक आशाजनक बदलाव को दर्शाता है। हालांकि, तकनीकी कौशल प्रतिनिधित्व और नेतृत्व की भूमिकाओं में लगातार अंतर, हस्तक्षेप की जरूरत को दिखाता है।
भारत के कॉरपोरेट जगत की लैंगिक समानता की यात्रा में धीरे-धीरे प्रगति देखी गई है, जो गैर-तकनीकी क्षेत्रों में पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान टेक भूमिकाओं तक भी विस्तारित हुई है।
विश्लेषण से पता चला है कि महिलाओं का प्रतिनिधित्व 2020 में 9.51 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 27.98 प्रतिशत हो गया है, जो लंबे समय से पुरुषों के वर्चस्व वाले क्षेत्र में विविधता के लिए बढ़ती गति को दर्शाता है।
यह बदलाव गैर-तकनीकी क्षेत्रों में तकनीकी भूमिकाओं में महिलाओं के योगदान की बढ़ती मान्यता और इनोवेशन-ड्रिवन कार्यों में विविधता के लिए बढ़ती मांग को दिखाता है।
प्रगति के बावजूद, गैर-तकनीकी उद्योगों में कॉन्ट्रैक्ट बेस पर तकनीकी भूमिकाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व असमान बना हुआ है।
जबकि, बीएफएसआई में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 46.88 प्रतिशत, लाइफ साइंस और हेल्थकेयर में 29.58 प्रतिशत के साथ इन सेक्टर ने लैंगिक समानता को अपनाया है।
वहीं, मैन्युफैक्चरिंग और इंजीनियरिंग में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 4.82 प्रतिशत और एनर्जी में 6.25 प्रतिशत दर्ज किया गया है।
इस असंतुलन का मुख्य कारण मुश्किल हायरिंग प्रैक्टिस, सांस्कृतिक रूढ़िवादिता और मुख्य तकनीकी कार्यों में महिलाओं के लिए सीमित कौशल मार्ग हैं।
वरिष्ठ भूमिकाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व मात्र 3.35 प्रतिशत देखा गया है, जो एक और चिंता का विषय है।
मध्य-स्तर की भूमिकाओं में महिलाओं का प्रतिशत 4.07 है, जबकि प्रवेश-स्तर की भूमिकाओं में 3.03 प्रतिशत है।
यह एक बड़ी विसंगति का संकेत देता है क्योंकि पुरुषों का प्रभुत्व काफी बढ़ गया है और महिलाओं को नेतृत्व की भूमिकाओं में आगे बढ़ने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि, 2023 और 2024 के बीच, मध्य और वरिष्ठ स्तरों पर महिला प्रतिनिधित्व में शानदार वृद्धि हुई है, जो 2023 में 4.98 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 5.14 प्रतिशत हो गई है।
इसी तरह, वरिष्ठ पदों पर महिला प्रतिनिधित्व 2023 में 3.95 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 4.86 प्रतिशत हो गया, जो लैंगिक समानता में क्रमिक बदलाव है, जिसमें महिलाओं का प्रतिनिधित्व अधिक है।
उन्होंने कहा, अब समय आ गया है कि संगठन महिलाओं के लिए समान संसाधनों को प्रोत्साहित करें, उद्योग-विशिष्ट बाधाओं को दूर करें और महिलाओं को वर्कफोर्स के बड़े हिस्से का प्रतिनिधित्व करने के लिए सशक्त बनाएं।
--आईएएनएस
एसकेटी/एबीएम
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.