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जेन स्ट्रीट ने भारतीय शेयर बाजार में हेराफेरी के जरिए ऐसे ऑप्शन में कमाया 43,000 करोड़ रुपए का मुनाफा
(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
मुंबई, 4 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से जेन स्ट्रीट पर आरोप लगाया गया है कि उसने नियमों के खिलाफ जाकर गलत रणनीतियों के इस्तेमाल से इंडेक्स ऑप्शंस में 43,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का मुनाफा कमाया है।
इसे हाल के वर्षों में भारतीय शेयर बाजार में सामने आया सबसे बड़ा हेराफेरी का मामला माना जा रहा है। आइए जानते हैं कैसे जेन स्ट्रीट ने इस हरेफारी के जरिए तगड़ा मुनाफा कमाया।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के अनुसार, जेन स्ट्रीट और इसकी संबंधित संस्थाओं ने बैंक निफ्टी सूचकांक को आर्टिफिशियल तरीके से बढ़ाने और घटाने के लिए एक इंट्रा-डे ट्रेडिंग रणनीति तैयार की।
बाजार नियामक ने पाया कि 1 जनवरी, 2023 और 31 मार्च, 2025 के बीच, जेन स्ट्रीट और उसकी संस्थाओं ने 43,289 करोड़ रुपए का चौंका देने वाला मुनाफा कमाया, जो मुख्य रूप से बैंक निफ्टी ऑप्शन से था।
यह मुनाफा कैश और फ्यूचर मार्केट में कीमतों में हेरफेर कर हासिल किया गया था।
सेबी के अनुसार, इस रणनीति में सुबह के कारोबारी घंटों के दौरान बैंक निफ्टी में शामिल शेयरों और फ्यूचर्स में खरीदारी की जाती थी, जिससे इंडेक्स ऊपर चढ़ जाता था।
जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ता था, जेन स्ट्रीट आक्रामक तरीके से उन्हीं पोजीशन को बेच देता था, जिससे सूचकांक नीचे चला जाता था।
सेबी ने आदेश में बताया कि इसकी टाइमिंग रैंडम नहीं थी। ये ट्रेड जानबूझकर मासिक समाप्ति तिथियों के आसपास किए गए थे, जब ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स का निपटान इंडेक्स के समापन मूल्य के आधार पर किया जाता है, इससे जेन स्ट्रीट को उनके द्वारा बनाए गए स्विंग से बड़े पैमाने पर लाभ मिल रहा था।
नियामक ने इसे मार्किंग-द-क्लोज का एक क्लासिक मामला बताया, जहां एक ट्रेडर समाप्ति से ठीक पहले अपने स्वयं के डेरिवेटिव पोजीशन के पक्ष में अंतर्निहित इंडेक्स की कीमतों में हेरफेर करता है।
केवल समाप्ति के दिन ही, वे बड़े पैमाने पर ट्रेड के साथ बाजार में प्रवेश करते हैं।
सेबी के आदेश में बताया गया, 17 जनवरी, 2024 की सुबह, जेन स्ट्रीट ने बैंक निफ्टी फ्यूचर्स में 4,370 करोड़ रुपए की आक्रामक तरीके से खरीददारी की और 32,115 करोड़ रुपए के बैंक निफ्टी ऑप्शंस को बेचा। दोपहर के बाद, इसने बैंक निफ्टी फ्यूचर्स में 5,372 करोड़ रुपए की आक्रामक तरीके से बड़ी मात्रा में बिकवाली की।
इससे बैंक निफ्टी इंडेक्स ऑप्शंस सेगमेंट में 46,620 करोड़ रुपए की अधिकतम शॉर्ट पोजीशन बनी और बैंक निफ्टी में नरमी आई।
जेन स्ट्रीट ने ऑप्शन सेगमेंट में 735 करोड़ रुपए का लाभ कमाया, जबकि विदेशी फर्म को इस दौरान नकद और फ्यूचर्स में केवल 61.6 करोड़ रुपए का इंट्राडे घाटा हुआ।
इस प्रकार, जेन स्ट्रीट ने एक ही दिन में 673.4 करोड़ रुपए का स्पष्ट लाभ कमाया।
सेबी के आदेश ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जेन स्ट्रीट लगातार भारतीय बाजार में लार्जेस्ट इंडेक्स ऑप्शन रिस्क को चला रहा था।
नियामक ने आगे बताया कि अन्य बाजार प्रतिभागी, इस हेरफेर से अनजान थे। वे गलत तरीके से बढ़ाए या कम किए गए सूचकांक स्तरों से गुमराह हो गए और गलत कीमतों के आधार पर निर्णय लेने लगे।
सेबी ने जेन स्ट्रीट और इसकी तीन संबंधित संस्थाओं - जेएसआई 2 इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड, जेन स्ट्रीट सिंगापुर पीटीई लिमिटेड और जेन स्ट्रीट एशिया ट्रेडिंग लिमिटेड को अगले नोटिस तक भारतीय प्रतिभूति बाजार तक पहुंचने से रोक दिया है।
उनके बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं और उन्हें फिलहाल 4,843.5 करोड़ रुपए जमा करने का निर्देश दिया गया है।
सेबी ने स्टॉक एक्सचेंजों को इन संस्थाओं द्वारा भविष्य में की जाने वाली गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखने का निर्देश दिया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे समान ट्रेडिंग पैटर्न का इस्तेमाल कर इस तरह की हेराफेरी को न दोहराएं।
जेन स्ट्रीट, 2000 में स्थापित एक ग्लोबल स्वामित्व वाली ट्रेडिंग फर्म है, जो दुनिया भर में ईटीएफ और ऑप्शन ट्रेडिंग में अपनी गहरी भागीदारी के लिए जानी जाती है।
--आईएएनएस
एसकेटी/एबीएस
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.