मिस्र, ब्रिटेन और अरब लीग ने गाजा में संघर्ष विराम को मजबूत करने के लिए यूएन प्रस्ताव का किया समर्थन

मिस्र, ब्रिटेन और अरब लीग ने गाजा में संघर्ष विराम को मजबूत करने के लिए यूएन प्रस्ताव का किया समर्थन

मिस्र, ब्रिटेन और अरब लीग ने गाजा में संघर्ष विराम को मजबूत करने के लिए यूएन प्रस्ताव का किया समर्थन

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IANS
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Egypt, Britain, Arab League back UN resolution on Gaza to solidify ceasefire

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

काहिरा, 19 नवंबर (आईएएनएस)। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सीसी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने फोन पर बातचीत की। दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि गाजा पट्टी से जुड़ी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की हालिया प्रस्ताव पर तुरंत आगे काम करना जरूरी है।

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मिस्र के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, नेताओं ने कहा कि यह आगे की कार्रवाई इसलिए आवश्यक है ताकि युद्धविराम को मज़बूती मिले और ग़ाज़ा में तनाव और कम हो सके।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अमेरिका द्वारा तैयार किए गए एक प्रस्ताव को मंज़ूरी दी, जिसमें गाजा में एक अंतरराष्ट्रीय बल (आईएसएफ) बनाने की अनुमति दी गई है। इस अस्थायी बल के ज़रिये पुनर्निर्माण और सुरक्षा से जुड़े कामों में मदद की जाएगी। सदस्य देश इस बल में अपने कर्मचारी भेजेंगे और यह सब मिस्र तथा इजरायल से परामर्श के साथ होगा।

अपनी बातचीत में, सिसी और स्टारमर ने यह भी कहा कि अक्टूबर में मिस्र में हुई शर्म अल-शेख़ बैठक के निष्कर्षों पर आगे बढ़ना ज़रूरी है, ताकि मानवीय सहायता जल्दी से जल्दी पहुँच सके और पुनर्निर्माण का काम तुरंत शुरू किया जा सके।

स्टार्मर ने यह दोहराया कि ग़ाज़ा के लोगों तक पर्याप्त मानवीय सहायता पहुंचाना बेहद ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं और अंतरराष्ट्रीय राहत संगठनों को भी इस दिशा में काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

इस बीच, अरब लीग के महासचिव अहमद अबुल-घीत ने मंगलवार को कहा कि गाजा पट्टी पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का हालिया प्रस्ताव रास्ते की शुरुआत है, अंत नहीं।

एक बयान में, अबुल-घीत ने इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रस्ताव के प्रावधानों को ठोस कार्यों में बदलने के लिए निकट भविष्य में सभी स्तरों पर पर्याप्त कार्य करने की आवश्यकता है, ताकि फिलिस्तीनी जनता के जीवन में सकारात्मक बदलाव आए।

अबूल-ग़ैत ने यह भी कहा कि यह प्रस्ताव उस मुख्य मार्ग की ओर संकेत करता है, जो एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राष्ट्र की स्थापना की दिशा में जाता है।

--आईएएनएस

एएस/

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