ईडी ने 3,000 करोड़ रुपए के यस बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में अनिल अंबानी से जुड़ी संस्थाओं पर छापे मारे

ईडी ने 3,000 करोड़ रुपए के यस बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में अनिल अंबानी से जुड़ी संस्थाओं पर छापे मारे

ईडी ने 3,000 करोड़ रुपए के यस बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में अनिल अंबानी से जुड़ी संस्थाओं पर छापे मारे

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IANS
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ED raids entities, people linked to Anil Ambani in Rs 3,000 crore Yes Bank loan fraud

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 24 जुलाई (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को 3,000 करोड़ रुपए के यस बैंक लोन धोखाधड़ी मामले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह से संबंधित 35 से ज्यादा परिसरों, 50 कंपनियों और 25 से अधिक लोगों के कई ठिकानों पर छापे मारे हैं।

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केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के बाद, ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध की जांच शुरू कर दी।

सूत्रों के अनुसार, इस मामले में नेशनल हाउसिंग बैंक, सेबी, नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (एनएफआरए), बैंक ऑफ बड़ौदा जैसी अन्य एजेंसियों और संस्थानों ने भी ईडी के साथ जानकारी साझा की।

ईडी की प्रारंभिक जांच में बैंकों, शेयरधारकों, निवेशकों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों के साथ धोखाधड़ी करके जनता के पैसों को इधर-उधर करने/निपटाने की एक सुनियोजित और सोची-समझी योजना का खुलासा हुआ है। साथ ही, यस बैंक लिमिटेड के प्रमोटर सहित बैंक अधिकारियों को रिश्वत देने का अपराध भी जांच के दायरे में है।

प्रारंभिक जांच में यस बैंक से (2017 से 2019 तक) लगभग 3,000 करोड़ रुपए के अवैध लोन डायवर्जन का पता चला है। ईडी ने पाया है कि लोन स्वीकृत होने से ठीक पहले, यस बैंक के प्रमोटरों को पैसा दिया गया था। एजेंसी रिश्वतखोरी और लोन के इस गठजोड़ की भी जांच कर रही है।

नियामक ने अनिल अंबानी से जुड़ी कंपनियों को यस बैंक द्वारा दिए गए लोन में कई नियमों का करते हुए उल्लंघन पाया है, जैसे कि क्रेडिट अप्रूवल मैमोरेंडम (सीएएम) पिछली तारीख के थे, बैंक की लोन नीति का उल्लंघन करते हुए बिना किसी उचित जांच/लोन विश्लेषण के निवेश प्रस्तावित किए गए थे।

लोन शर्तों का उल्लंघन करते हुए, इन लोन को आगे कई समूह कंपनियों और मुखौटा कंपनियों में डायवर्ट किया गया।

जानकारी के मुताबिक, सेबी ने आरएचएफएल मामले में अपने निष्कर्ष ईडी के साथ साझा किए हैं। आरएचएफएल द्वारा कॉर्पोरेट लोन में नाटकीय वृद्धि भी ईडी की जांच के घेरे में है। आरएचएफएल के कॉर्पोरेट लोन वित्त वर्ष 2017-18 में 3,742.60 करोड़ रुपए से एक ही साल में बढ़कर वित्त वर्ष 2018-19 में 8,670.80 करोड़ रुपए हो गए थे।

सूत्रों के अनुसार, जांच फिलहाल चल रही है। ईडी यस बैंक के अधिकारियों, समूह की कंपनियों और अनिल अंबानी की कंपनियों से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं के बीच संबंधों का पता लगाने की कोशिश कर रहा है।

--आईएएनएस

एबीएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
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