15वां पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन मलेशिया में आयोजित, रणनीतिक सहयोग बढ़ाने पर हुई चर्चा

15वां पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन मलेशिया में आयोजित, रणनीतिक सहयोग बढ़ाने पर हुई चर्चा

15वां पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन मलेशिया में आयोजित, रणनीतिक सहयोग बढ़ाने पर हुई चर्चा

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IANS
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15th East Asia Summit Foreign Ministers’ Meet held in Malaysia

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

कुआलालंपुर, 11 जुलाई (आईएएनएस)। मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में शुक्रवार को 15वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) की विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में ईएएस के सहयोग की समीक्षा की गई और भविष्य के रोडमैप को लेकर चर्चा की गई।

नेताओं ने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी विचार साझा किए। इस साल ईएएस अपनी 20वीं वर्षगांठ मना रहा है, जिसके चलते इसे और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई गई।

आसियान ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पोस्ट में कहा, ईएएस में शामिल देशों ने इसे एक मजबूत मंच के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया, ताकि रणनीतिक, राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर संवाद और सहयोग बढ़ाया जा सके। बैठक में 18 देशों के विदेश मंत्रियों या उनके प्रतिनिधियों और आसियान के महासचिव काओ किम होर्न ने हिस्सा लिया। तिमोर-लेस्ते पर्यवेक्षक के रूप में शामिल हुए।

ईएएस एशिया-प्रशांत क्षेत्र का एक प्रमुख मंच है, जिसमें 10 आसियान देश (ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम) के अलावा भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका और रूस शामिल हैं। 2005 में स्थापित यह मंच क्षेत्र के सामरिक, भू-राजनीतिक और आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाता है।

भारत की ओर से केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री पाबित्रा मार्गेरिटा ने इस बैठक में हिस्सा लिया। वे 10-11 जुलाई को आयोजित 58वें आसियान विदेश मंत्रियों की बैठक, आसियान-भारत एफएमएम, 15वें ईएएस एफएमएम और 32वें आसियान क्षेत्रीय मंच में भाग लेने के लिए मलेशिया पहुंची थीं। इससे पहले, जून में पेनांग में हुई ईएएस वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) पी. कुमारन ने एक स्वतंत्र, खुले, समावेशी और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने में ईएएस की भूमिका पर जोर दिया था।

बैठक में भारत ने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी स्थिति स्पष्ट की। कुमारन ने बताया कि भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है। इस साल ईएएस की 20वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारत ने इस मंच को और मजबूत करने की दिशा में अपने योगदान को रेखांकित किया। यह बैठक क्षेत्रीय सहयोग और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है, जिसमें भारत की सक्रिय भूमिका ने ध्यान खींचा।

--आईएएनएस

वीकेयू/केआर

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