यूएन उच्च स्तरीय बैठक में जयशंकर की कूटनीति तेज, यूएनएससी सुधार और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा

यूएन उच्च स्तरीय बैठक में जयशंकर की कूटनीति तेज, यूएनएससी सुधार और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा

यूएन उच्च स्तरीय बैठक में जयशंकर की कूटनीति तेज, यूएनएससी सुधार और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा

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IANS
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EAM Jaishankar hosts meetings on UNSC reform, Pacific outreach

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

संयुक्त राष्ट्र, 25 सितंबर (आईएएनएस)। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र की उच्च स्तरीय बैठक में हिस्सा लेते हुए सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) सुधार और प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ सहयोग पर महत्वपूर्ण चर्चा की। उन्होंने कई देशों के विदेश मंत्रियों से भी मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया।

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भारत की प्रमुख प्राथमिकता संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार को आगे बढ़ाना है। इस उद्देश्य से विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार (स्थानीय समय के अनुसार) को एल.69 और सी10 देशों की संयुक्त मंत्री स्तरीय बैठक के दूसरे संस्करण की मेजबानी की।

उन्होंने कहा, हम ग्लोबल साउथ के सदस्यों के रूप में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार के लिए एक साथ आए हैं।

सी10 अफ्रीकी संघ के 10 प्रमुख देशों (जैसे मिस्र, दक्षिण अफ्रीका, केन्या, नाइजीरिया) का समूह है। जबकि, एल.69 ग्लोबल साउथ के 42 देशों का समूह है, जो सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए काम करता है।

जयशंकर ने 13 सदस्यीय भारत-प्रशांत द्वीप सहयोग मंच (एफआईपीआईसी) की बैठक भी आयोजित की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 2023 में पापुआ न्यू गिनी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 12-सूत्री योजना अच्छी प्रगति कर रही है। भारत और प्रशांत द्वीप देश विकास साझेदार हैं। हमारा एजेंडा लोगों को केंद्र में रखकर स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण पर केंद्रित है।

साइप्रस के विदेश मंत्री कॉन्स्टेंटिनोस कोम्बोस से मुलाकात के बाद जयशंकर ने कहा, साइप्रस मुद्दे के व्यापक और स्थायी समाधान के लिए संयुक्त राष्ट्र के तय ढांचे और सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्तावों के अनुरूप भारत के समर्थन को दोहराया।

गौरतलब है कि 1974 में तुर्की ने साइप्रस के एक हिस्से पर कब्जा कर लिया था और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों की अनदेखी करते हुए अब भी उस क्षेत्र पर काबिज है।

कोम्बोस ने भारत के समर्थन और अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की।

कोम्बोस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, साइप्रस मुद्दे पर भारत के लंबे समय से चले आ रहे सैद्धांतिक समर्थन और अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन के लिए आभार प्रकट करता हूं।

उन्होंने कहा, चर्चा का मुख्य विषय साइप्रस की रणनीतिक साझेदारी के अगले कदम, महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे और यूरोपीय संघ (ईयू) परिषद की आगामी साइप्रस अध्यक्षता की प्राथमिकताएं थीं।

मेक्सिको के विदेश मंत्री जुआन रामोन डे ला फुएंते से मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा, हमने हाल के आदान-प्रदान को आगे बढ़ाने और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए एक नया रोडमैप बनाने पर सहमति व्यक्त की।

जयशंकर ने निकारागुआ के डेनिस मोनकाडा, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस के फ्रेडरिक स्टीफेंसन, ब्राजील के मौरो वीरा, मार्शल द्वीप के कलानी कानिको, टूवालू के पॉलसन पानापा, पलाऊ के गुस्ताव एइटारो, टोंगा के आइसाके वालु एके और सोलोमन द्वीप के पीटर शनेल अगोवाका से मुलाकात की।

--आईएएनएस

एफएम/एबीएम

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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