विदेश मंत्री जयशंकर ने ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान के समकक्षों के साथ आतंकवाद के वैश्विक खतरों पर चर्चा की

विदेश मंत्री जयशंकर ने ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान के समकक्षों के साथ आतंकवाद के वैश्विक खतरों पर चर्चा की

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IANS
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EAM Jaishankar discusses global threats of terrorism with counterparts from Tajikistan, Kazakhstan

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को ताजिकिस्तान और कजाकिस्तान के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय चर्चा की और भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति को स्‍पष्‍ट किया है।

गुरुवार को दो दिवसीय चौथे भारत-मध्य एशिया संवाद में भाग लेने के लिए कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान के विदेश मंत्री नई दिल्ली आए हैं। भारत पूरे क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी और कट्टरपंथ विरोधी साझेदारी को बढ़ाने में मजबूती से आगे बढ़ रहा है।

ताजिकिस्तान के विदेश मंत्री सिरोजिद्दीन मुहरिद्दीन के साथ बैठक के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने आतंकवाद से निपटने और दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ताजिकिस्तान के विदेश मंत्री सिरोजिद्दीन मुहरिद्दीन के साथ अच्छी बैठक हुई। हमारे क्षेत्र में आतंकवाद से मुकाबला करने की आवश्यकता पर सहमति हुई। इस दौरान उन्‍होंने गहन व्यापार, निवेश और संपर्क संबंधों सहित हमारे सहयोग को आगे बढ़ाने पर विचार साझा किए।

विदेश मंत्री ने कजाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मूरत नूर्टलेउ से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्‍होंने आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस के उनके रुख की सराहना की।

दोनों पक्षों ने भारत और कजाकिस्तान के बीच रणनीतिक साझेदारी के प्रमुख पहलुओं पर चर्चा की और मध्य एशियाई क्षेत्र के साथ संपर्क बढ़ाने पर विचारों को साझा किया।

विदेश मंत्री जयशंकर पांच मध्य एशियाई देशों से आए विदेश मंत्रियों के साथ बैठक की मेजबानी करेंगे। इसमें बख्तियार सैदोव (उजबेकिस्तान), राशिद मेरेदोव (तुर्कमेनिस्तान), झीनबेक कुलुबाएव (किर्गिजस्तान), सिरोजिद्दीन मुहरिद्दीन (ताजिकिस्तान) और मूरत नूरतुलेउ (कजाकिस्तान) शामिल हैं। इसमें सीमा पार से लगातार हो रही आतंकी घटनाओं को भी शामिल किया गया है।

उल्‍लेखनीय है कि यात्रा पर आए इन देशों के विदेश मंत्री गुरुवार को भारत-मध्य एशिया व्यापार परिषद की बैठक और शुक्रवार को भारत-मध्य एशिया वार्ता में भाग लेंगे। इसके बाद शुक्रवार की शाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के बाद अपनी भारत यात्रा का समापन करेंगे।

भारत-मध्य एशिया वार्ता जनवरी 2019 में समरकंद में शुरू की गई थी। यह भारत और मध्य एशिया के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करती है।

--आईएएनएस

एएसएच/जीकेटी

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