घरेलू निवेशकों ने अगस्त में शेयर बाजार में 90,000 करोड़ रुपए से अधिक निवेश किए : एनएसई

घरेलू निवेशकों ने अगस्त में शेयर बाजार में 90,000 करोड़ रुपए से अधिक निवेश किए : एनएसई

घरेलू निवेशकों ने अगस्त में शेयर बाजार में 90,000 करोड़ रुपए से अधिक निवेश किए : एनएसई

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IANS
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DIIs infuse Rs 94,829 crore in Aug, highest in last 10 months: NSE report

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मुंबई, 15 सितंबर (आईएएनएस)। घरेलू निवेशकों का दबदबा शेयर बाजार में लगातार बना हुआ है। अगस्त में घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने कुल 94,829 करोड़ रुपए (10.8 अरब डॉलर) का निवेश किया है। यह बीते 10 महीनों में सबसे बड़ा निवेश है। साथ ही, लगातार 25वां महीना है, जब डीआईआई की ओर से निवेश सकारात्मक रहा है। यह जानकारी सोमवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।

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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की मार्केट प्लस रिपोर्ट में बताया गया कि भारतीय शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अगस्त में 4 अरब डॉलर की बिकवाली की है, जो कि बीते सात महीनों में सबसे अधिक है।

एफपीआई की ओर से भारतीय बाजार में बिकवाली की वजह अमेरिका द्वारा भारत पर टैरिफ लगाए जाने को माना जा रहा है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि राजकोषीय घाटा समेकित हो रहा है और मासिक जीएसटी संग्रह मजबूत बना हुआ है। पूंजीगत व्यय भी बढ़ रहा है, जो सरकार के दीर्घकालिक विकास पर ध्यान केंद्रित करने का संकेत देता है।

वहीं, महंगाई आठ वर्षों के न्यूनतम स्तर पर बनी हुई और आरबीआई के महंगाई के लक्ष्य ने नीचे हैं। इस कारण से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है।

रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कॉरपोरेट मुनाफे में रिकवरी देखने को मिली है। हालांकि, आय अनुमानों में गिरावट आई है, लेकिन गति धीमी हो गई है।

अगस्त में नई इक्विटी लिस्टिंग में तेजी आई, लेकिन लोन के जरिए फंड जुटाने की गति 16 महीने के निचले स्तर पर आ गई। कुल पंजीकृत निवेशक आधार 12 करोड़ के आंकड़े के करीब पहुंचने के बावजूद नए निवेशक पंजीकरण में कमी देखी गई है।

पिछले महीने डेरिवेटिव बाजार में व्यापारिक गतिविधियां चुनिंदा मिलीजुली रहीं। जहां फ्यूचर्स में औसत दैनिक कारोबार में वृद्धि देखी गई, वहीं इक्विटी ऑप्शंस के कारोबार में गिरावट देखी गई।

कमोडिटी फ्यूचर्स रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया, जिसका मुख्य कारण इलेक्ट्रिसिटी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट थे।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत की बाह्य स्थिति आरामदायक बनी हुई है। अगस्त में विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 700 अरब अमेरिकी डॉलर के स्तर पर था और रुपए की अस्थिरता पर भी नियंत्रण पा लिया गया है।

मानसून की गति तेज हो गई है, जलाशयों का स्तर मजबूत है और बुवाई का काम लगभग पूरा हो रहा है। 1 जून से 5 सितंबर तक कुल संचयी वर्षा सामान्य से 8.8 प्रतिशत अधिक रही है।

--आईएएनएस

एबीएस/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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