भारत में डीआईआई की खरीदारी लगातार दूसरे वर्ष 5 लाख करोड़ रुपए के पार

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भारत में डीआईआई की खरीदारी लगातार दूसरे वर्ष 5 लाख करोड़ रुपए के पार

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IANS
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DII buying in India surpasses Rs 5 lakh crore mark for 2nd consecutive year

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मुंबई, 1 सितंबर (आईएएनएस)। घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने भारतीय शेयरों में इस वर्ष अब तक 5 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है, जो विदेशी निकासी के बीच बाजारों को स्थिर करने में उनके बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।

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प्रोविजनल एनएसई डेटा से पता चलता है कि म्यूचुअल फंड, बैंक, बीमा कंपनियां और अन्य घरेलू संस्थानों ने 2025 में अब तक शेयरों में 5.13 लाख करोड़ रुपए की शुद्ध खरीदारी की है, जबकि 2024 में रिकॉर्ड 5.25 लाख करोड़ रुपए की खरीदारी की थी।

एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार, घरेलू खरीदारी बढ़ी है, जबकि विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) लगातार बिकवाली के दौर में आ गए हैं। उन्होंने इस वर्ष सेकेंडरी मार्केट से 1.6 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की निकासी की है और 2024 में लगभग 1.21 लाख करोड़ रुपए की निकासी की थी।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट के अनुसार, दलाल स्ट्रीट पर हालिया अस्थिरता के बावजूद, एफपीआई द्वारा की गई भारी बिकवाली के जवाब में डीआईआई द्वारा की गई काउंटर-खरीदारी 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट और 2022 की बिकवाली सहित पिछले उदाहरणों की तुलना में अधिक है।

डीआईआई प्रवाह ने एफआईआई के बिकवाली दबाव, प्रमोटरों द्वारा बड़ी मात्रा में बिकवाली और निजी इक्विटी फंडों द्वारा मुनाफावसूली को कम करने में मदद की।

हालांकि, मजबूत घरेलू प्रवाह के बावजूद व्यापक लाभ नहीं हुआ है। पिछले 12 महीनों में सभी बाजार पूंजीकरणों में सूचकांकों ने स्थिर से लेकर नकारात्मक प्रदर्शन किया है।

2025 में एक अस्थिर वर्ष के बाद, सेंसेक्स सालाना आधार पर 1.96 प्रतिशत ऊपर रहा, जबकि निफ्टी 3.28 प्रतिशत बढ़ा।

इसके विपरीत, बीएसई मिडकैप सूचकांक में 3.8 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई, जबकि बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में 6.7 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई।

विश्लेषकों के अनुसार, घरेलू स्तर पर, भारत की पहली तिमाही की जीडीपी वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रही, जो उम्मीद से कहीं बेहतर रही।

बजट के राजकोषीय प्रोत्साहन और मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के मौद्रिक प्रोत्साहन, दोनों ही देरी से काम कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि प्रस्तावित जीएसटी सुधार आने वाली तिमाहियों में विकास को गति दे सकते हैं।

यह, म्यूचुअल फंडों में आने वाली भारी नकदी के साथ, बाजार को समर्थन देता रहेगा।

2025 में घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) का प्रवाह सालाना आधार पर निफ्टी के औसत बाजार पूंजीकरण के 2.2 प्रतिशत तक पहुंच गया, जो 2007 के बाद से उच्चतम स्तर है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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